Friday, August 22, 2008

सिविल अस्पताल में उपस्थिति रजिस्टर के हाल बेहाल

आष्टा 21 अगस्त (नि.प्र.)आष्टा के सिविल अस्पताल के हाल-बेहाल है कहने को यहां की व्यवस्थाओं को देखने, समस्याओं के हल के लिए एवं विकास के लिए रोगी कल्याण समिति गठित है जिसकी अध्यक्ष एस.डी.एम. श्रीमति जी.व्ही. रश्मि है लेकिन एस.डी.एम. को भी यहां पर लगता है कोई नियंत्रण नहीं है फुरसत ने पाया कि आष्टा के सिविल अस्पताल में पदस्थ दो चिकित्सकों ने तो इसे अस्पताल ना मानकर धर्मशाला समझ रखा है वे कब आते है कब जाते है नहीं आने के बाद भी उपस्थिति रजिस्टर में जिस दिन आते है ।
पिछले शेष उन दिनों की भी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज कर देते है रजिस्टर देखने पर स्पष्ट नजर आता है कि उसमें किस प्रकार उपस्थिति दर्ज करने के नाम पर काटा पीटी की जाती है एक संविदा डाक्टर जो कि इंदौर में रहते है रस्म अदायगी के लिए वे 2-4-6-8 दिन में कभी कभार आ जाते है वे जिस दिन नहीं आते है उपस्थिति रजिस्टर में उस दिन उनकी अनुपस्थिति लगाई जाती है लेकिन वे जिस दिन आते है उस अनुपस्थिति के स्थान पर काटा पीटी कर अनुपस्थित दिन की भी उपस्थिति दर्ज कर देते है इनका नाम है दंड चिकित्सक डाक्टर एस.के. माहोर ऐसे ही एक महिला चिकित्सक है श्रीमति अंजना सिंह उपस्थिति रजिस्टर में इनके नाम के आगे कई बार काटापीटी की गई है इससे स्पष्ट झलक रहा है कि इनने भी अनुपस्थित दिन की भी उपस्थिति दर्ज की है। इस माह में तो डा. एस.के. माहौर की सी.एल. चढ़ी है जबकि सूत्रों का कहना है कि संविदा डाक्टरों की सी.एल. का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रतिक्रिया
इस सम्बंध में बी.एम.ओ. रामचन्द्र गुप्ता से जब उपस्थिति रजिस्टर के हाल-बेहाल अनुपस्थिति दिनों की काटापीटी कर उपस्थिति दर्ज करने पर जब पूछा तो उन्होंने बताया कि डॉ. अंजना सिंह के द्वारा बिना बताये हर कभी चले जाने की प्रक्रिया से एस.डी.एम. को अवगत कराया दिया है जब उनसे श्री माहौर के बारे में पूछा तो वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाये लेकिन उन्होंने रजिस्टर में काटा पीटी कर गलत कार्य किया गया हे स्वीकार किया है।