सीहोर 4 अगस्त (नि.सं.)। आज नई परम्परा के तहत निकलने वाली पालकी यात्रा को लेकर सुबह से ही नगर भर में उत्साह का माहौल था। हर जगह स्वागत की तैयारियाँ की जा रही थी। अपने निर्धारित समय पर श्री सिध्देश्वर महादेव मंदिर से पालकी यात्रा ढेर सारे राजनेताओं की उपस्थिति में प्रारंभ हुई। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई मनकामेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी पहुँची। यहाँ राजनेताओं व आम भक्तजनों ने आरती की। हिन्दु उत्सव समिति ने दो स्थानों पर जोरदार स्वागत कर इस नई परम्परा को अपना पूर्ण सहयोग दिया।
आज सुबह से ही नगर भर में उत्साह का माहौल था। कुछ स्थानों पर माईक लगाये गये थे। श्री सिध्देश्वर महादेव मंदिर समिति द्वारा स्थान-स्थान पर माइक लगाकर आज निकलने वाली शिव पालकी यात्रा का माहौल बना दिया गया था। दोपहर अपने निर्धारित समय पर सिध्देश्वर महादेव मंदिर रतलामी स्वीट्स से पालकी यात्रा प्रारंभ हुई। इसके पूर्व समाजसेवी किशोर कौशल व परिवार ने मंदिर में पूजन आरती की।
यहाँ पालकी यात्रा में नगर भर के प्रमुख राजनेतागण तैयारी के साथ आ चुके थे। हिन्दु उत्सव समिति के सदस्यगण भी अपनी पूर्ण उपस्थिति के साथ मौजूद थे। आगे-आगे घुड़सवार इनके पीछे 8 सजी हुई बैलगाड़ी जिन्हे आकर्षक सजाने के लिये केले के पत्तों का उपयोग किया गया था। पीछे एक आकर्षक भोलेनाथ का चित्र लगा हुआ था जिससे यह बैलगाडियाँ शोभा बढ़ा रही थी। इन पर कुछ पर तख्तियाँ भी लटकाई गई थी जिस पर लिखा था कि वन ही जीवन है। इसके पीछे एक आकर्षक रख भगवान भोलेनाथ के स्वरुप लिये एक युवक व पार्वती जी का स्वरुप लेकर कलाकार बैठे थे इनके साथ अन्य देवगण भी विराजित थे। भोलेनाथ के हाथ में कमण्डल था और वह बारम्बार दूध पीकर भांग पीने का स्वांग भी रच रहे थे जो आकर्षण बना हुआ था।
इसके पीछे क्षेत्र के प्रसिध्द सपेरे पन्नानाथ भी एक रथ पर सवार थे जिस पर इनके साथ 12 फुट लम्बा विशालकाय सांप मौजूद थे जिसके दर्शन लाभ लेकर जनता कृतार्थ हो रही थी। इसके पीछे बड़ी संख्या में युवक गण चल रहे थे। पीछे पालकी चल रही थी पालकी के साथ ही वर्फ से बने शिवलिंग जो अमरनाथ धाम के स्वरुप में बनाये गये थे यह पालकी यात्रा का विशेष आकर्षण था जिस पर एक सफेद कबूतर भी बैठा था जो उड़ नहीं रहा था इसके बांधकर बैठाया गया था। इसके पीछे नगर के वरिष्ठ नागरिक व राजनेतागण जो विशेष रुप से उपस्थित थे चल रहे थे। इनके गलों में फूल मालाएं भी डली हुई थी जिससे आभाष हो रहा था कि भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ राजनेताओं व प्रमुख लोगों का भी स्वागत-वंदन किया जा रहा है, लोग भी उत्साह में भगवान के साथ ही इनको भी माला पहनाकर स्वागत कर रहे थे और सभी राजनेता यह अभिनंदन स्वागत स्वीकार कर रहे थे। इनके पीछे बड़ी संख्या में महिलाएं भी पालकी यात्रा में शामिल थीं।
पालकी यात्रा कोतवाली चौराहा से होती हुई जगदीश मंदिर चौराहा से नमक चौराहा, पान चौराहा, चरखा लाईन लाईन, बड़ा बाजार, खजांची लाईन होती हुई सीहोर टाकीज से मनकामेश्वर महादेव मंदिर पहुँची। लगभग हर चौराहे व मोड़ पर आज स्वागत मंच बने हुए थे। लोगों ने अपने-अपने बेनर टांग कर अपने संगठन व मंचों से पालकी यात्रा का जोरदार स्वागत किया। कई जगह फल व ठंडाई वितरित हुई कुछ स्थानों पर जोरदा पुष्पवर्षा हुई। एक स्थान पर सभी राजनेताओं को साफे बांधकर स्वागत अभिनंदन वंदन किया गया। जिससे पालकी यात्रा के लिये यह राजनेता और भी आकर्षण का केन्द्र बन गये। आज हिन्दु उत्सव समिति ने इस पर्व का उत्साह दुगना कर दिया। दो स्थानों पर जोरदार स्वागत किया गया साथ ही बड़ी संख्या में समिति के सदस्यगण आज के कार्यक्रम में शामिल थे।
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