Tuesday, August 5, 2008

मध्यान्ह भोजन की बाटी देखी तो ऐसा लगा.........

आष्टा 4 अगस्त (नि.सं.)। तहसील के ग्राम भगवानपुर की शाला में आज पालक शिक्षक गण के लोगों ने पालकों को दिया जा रहा मध्यान्ह भोजन का निरीक्षण किया। जिसमें 13 बच्चे भोजन कर रहे थे। जब उनका भोजन देखा गया । आज भोजन में दाल बाटी और रोटी देखी तो निम् स्तर की पाई गई।
इसका नमूना पंचनामा बनाकर पालक शिक्षक गण के सभी सदस्य तहसीलदार आष्टा के पास लेकर आये। जहाँ बताया की आज स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक के 158 छात्रों की उपस्थिति दर्ज थी। जबकि मध्यान्ह भोजन केवल 13 ही बच्चे कर रहे थे तथा वहाँ पर प्रतिबंधित लाल गेहूँ की रोटी और बाटी बनाकर बच्चों को परोसी गई थी बाटी ऐसी थी की उसे जानवरों के सामने रख दो तो वह भी मुँह फेर लें।
इस संबंध में तहसीलदार बिहारी सिंह ने फुरसत को बताया कि ग्रामीण बाटी और रोटी का नमूना लेकर आये थे। जिसका स्तर देखने में ही घटिया लग रहा था अगर सामान्य व्यक्ति इसे खा ले तो बीमार हो सकता है। मैं इसे दिखवाता हूँ की निम् स्तर पर भोजन कैसे परोसा गया। इसके लिये बीईओ को जांच के लिये लिखा गया है।


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