जावर 23 मई (नि.सं.)। इस वर्ष के केन्द्रिय आम बजट में केन्द्रिय वित्त मंत्री द्वारा किसानों का कर्जा माफ करने की घोषणा के बाद से जिन किसानों ने बैंकों से कृषि ऋण ले रखा था वह अब जमा नहीं कर रहे हैं जिस कारण क्षेत्र के बैंकों व समितियों की दयनीय स्थिति बनती जा रही है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के केन्द्रिय आम बजट में केन्द्रिय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम द्वारा किसानों के लिये 60 हजार करोड़ का ऋण माफ करने की घोषणा के बाद से क्षेत्र का कोई भी किसान जिन्होने बैंकों व सहकारी समितियों से कृषि ऋण ले रखा है वह कोई भी जमा नहीं करवा रहे हैं जिससे क्षेत्र की सहकारी समितियों व अन्य बैंकों की स्थिति खराब होने लगी है।
बैंक वाले किसानों के पास वसूली के लिये जाते हैं लेकिन किसान यह कहकर मना कर देते हैं कि सरकार ने कर्जा माफ कर दिया है हम राशि जमा क्यों करवाये। बमूलिया के कृषक गजराज सिंह का कहना है कि जब सरकार ने किसानों का कर्जा माफ करने की घोषणा कर दी तो हम राशि क्यों भरें। श्री सिंह का कहना है कि हमेशा ईमानदार किसान को ही नुकसान होता है और कर्ज जमा नहीं करने वालों को फायदा होता है।
उधर जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक शाखा जावर के प्रबंधक जगन्नाथ सिंह ने बताया कि हमारी शाखा से बीते वर्ष 635 लाख का कृषि ऋण किसानों को बांटा गया था लेकिन कर्ज माफी की घोषणा के बाद से कोई भी किसान बैंक से लिया कर्जा जमा करने नहीं आ रहा है। हम किसानों के पास भी वसूली के लिये जाते हैं लेकिन किसान सरकार द्वारा कर्ज माफ करने की घोषणा का हवाला देकर ऋण जमा करने से मना कर रहे हैं। श्री सिंह का कहना है कि जो ऋण बैंक से किसानों को दिया है उसे जून तक वसूल करना है लेकिन अभी तक कोई भी किसान ऋण जमा करने नहीं आ रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति अन्य बैंकों की भी है।