Saturday, April 5, 2008

सीहोर में लोगों ने मनाई सूखी रंगपंचमी: और ठेकेदार ने लगाये नकली बिल 50 हजार का रंग-गुलाल व 52 हजार के पानी का बिल लगा

सीहोर 4 अप्रैल (नि.सं.)। आश्चर्य किन्तु सत्य। भ्रष्टाचार की सिरमोर बनी नगर पालिका में एक और नया कारनामा सामने आया है। हालांकि पानी को लेकर भ्रष्टाचार की नर्वदा बहाने वाली सीहोर की नगर पालिका इस वर्ष भी लाखों रुपयों का खेल तो अभी तक कर ही चुकी है।
आगे भी पानी के नाम पर लाखों रुपये का खेल जारी है, लेकिन जिस नगर पालिका अध्यक्ष ने इस वर्ष सूखी होली मनाने की बात नगर के नागरिकों से की थी और होली दहन स्थल पर कं डे तक नहीं दिये गये थे जिस नगर पालिका ने एकम, दूज और पंचमी पर पानी तक वितरण नहीं कराया था, जिस नगर पालिका में दूज के दिन पानी वितरण नहीं होने के कारण नाराज हुरियारों ने गदर किया था, टंकी पर नारेबाजी हुई थी उसी नगर पालिका में होली पर जल वितरण के नाम पर लाखों रुपये के बिल बन गये हैं बल्कि इतना ही नहीं रंग-गुलाल के नाम पर भी बिल बना दिये गये हैं।
नगर पालिका ने इस वर्ष रंग पंचमी पर जल वितरण तक नहीं किया था बल्कि टंकी से पूरे नगर में भी जल वितरण नहीं हुआ था, इतना ही नहीं जुलूस के आगे-आगे चलने वाले टैंकर तक इस वर्ष नहीं चलाये जाने के कारण जुलूस का पर्याप्त स्वागत नहीं हुआ था और मोहल्ले के होली उत्सव समितियों ने अपने रुपये खर्च कर पानी खरीदा था और होली मनाई थी। जब पानी ही नहीं वितरण किया गया तो इस नगर पालिका से रंग-गुलाल की अपेक्षा करना ही बेमानी है।
ऐसे में सूत्रों का कहना है कि नगर पालिका में होली को भी नहीं छोड़ा गया है, भ्रष्टाचार करने के लिये होली का सहारा लेकर एक-दो लाख रुपये का बड़ा खेल सब मिलजुलकर कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि 52 हजार रुपये का जल वितरण सूखी रंगपंचमी पर किये जाने का एक बिल बनाकर नगर पालिका में लगा दिया गया है इसकी बकायदा फाईल बन गई है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने हर बार की तरह सेटिंग करके फाईल निकाली है। इतना ही नहीं 50 हजार का रंग गुलाल का भी बिल नगर पालिका में लगा है जबकि रंग-गुलाल नगर में वितरित ही नहीं हुई है। नगर पालिका में इस प्रकार 1-2 लाख रुपये के निकल जायेंगे जबकि नागरिकों को सुविधा मिली ही नहीं है। जबकि सूत्रों का कहना है कि ऐसे फर्जी बिलों व फाईलों का आडिट भी हो चुका है।