Thursday, April 24, 2008
1 वरमाला वेणी का मूल्य 100 रुपये हुआ
आष्टा 23 अप्रैल (सुशील संचेती)। भारत सरकार मंहगाई को काबू करने में हर क्षेत्र में असफल सिध्द हो रही है। मंहगाई को काबू करने के वो प्रयास भी करती है लेकिन किये प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं यही कारण है कि पूरे देश में मंहगाई का असर हर आम और खास का पसीना निकल रहा है। अब मंहगाई का असर फूलों पर भी आ गया है यही कारण है कि जिस परिवार में विवाह कार्यक्रम है उस परिवार के सदस्य जब वर-वधु के लिये वरमाला, दुल्हन के लिये बेड़ी लेने हारफूल भंडार पर जाता है तो भाव सुनकर दंग रह जाता है। फूलों की तंगी और भरपूर लग् होने के कारण फूलों की मांग कई गुना बढ़ गई है आष्टा में यूँ तो कई लोग फूलों की खेती करते हैं लेकिन वे मांग के अनुरुप पूर्ति नहीं कर पाते हैं यही नहीं आष्टा में फूलों का इतना उत्पादन होता है क्योंकि कृषि विभाग ने कभी इस और रुचि ही नहीं ली कि क्षेत्र का किसान फूलों की खेती करें। आष्टा में मांग अधिक और पूर्ति कम होने के कारण यहाँ के हारफूल भंडार के व्यापारी तरह-तरह का फूल इन्दौर-उजैन, देवास, सीहोर, भोपाल आदि शहरों से मंगाकर आष्टा की पूर्ति करते हैं। इन दिनों हर जगह फूलों की मांग अत्याधिक बढ़ जाने के कारण फूलों का थोक व्यापार करने वालों के मजे हो गये हैं। आष्टा में हारफूल भंडार के व्यापारी सुन्दरलाल कुशवाह एवं प्रकाश कुशवाह ने फुरसत को बताया कि फूलों के भावों में कई गुना वृध्दि हो जाने के कारण हालत खराब है। आष्टा में वर-वधु की वरमाला जो पहले हम 51 रुपये में एक बेचते थे आज वो ही वरमाला 101 रुपये में बेच रहे हैं। दुल्हन की वेणी जो 101 रुपये में बेचना पड़ रही है। हारफू ल के व्यापारी सुन्दर लाल कुशवाह ने बताया कि जो मोगरे के फूल 80 से 100 रुपये किलो था वो आज 350 रुपये मिल रहा है। नवरंग फूल जो 30 से 40 रुपये था अब यह 60 से 70 रुपये किलो आ रहा है। गुलाब का फूल पहले 100 रुपये था अब 200 रुपये किलो आ रहा है। फूलों के भावों में वृध्दि के कारण जो हार 2 से 5 रुपये में बिकता था आज वो सादा हार 5 से 10 रुपये में बिक रहा है। वरमाला और वेणी के रेट में दुगनी वृध्दि हो जाने से विवाह वाले परिवार मजबूरी में इतनी महंगा वरमाला खरीद रहे हैं।