Saturday, February 23, 2008

...और अब दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा नहीं लगेगी, कांग्रेसी परिषद ने लिया निर्णय

सीहोर 22 फरवरी (आनन्द गाँधी, फुरसत)। नगर पालिका परिषद की एक बैठक में राकेश राय की अध्यक्षता में भाजपा पार्षद भोजराज यादव ने यह प्रस्ताव रखा कि अस्पताल चौराहे का नाम स्व.गेंदालाल जी राय के नाम से रखा जाये इस प्रस्ताव के साथ ही एक अन्य प्रस्ताव विपिन सास्ता ने कोलीपुरा चौराहे पर पूर्व नपाध्यक्ष स्व. जीवनलाल राय के नाम करने का रखा इस पर भी सारे पार्षदों ने भाजपा पार्षदों की बात पर सहमति जता दी। अब मजे की बात यह है कि जिन स्व. पं. दीनदयाल उपाध्याय के भाजपा अपना सर्वमान्य अग्रज मानती हैं, उनके नाम पर पहले ही पटवा शासन में नदी चौराहे का नामकरण किया जाकर यहाँ प्रतिमा स्थापित किये जाने की घोषणा तत्कालीन बाबूलाल गौर स्थानीय शासन मंत्री कर चुके थे। आज वह भाजपा के पार्षदों ने यह नया प्रस्ताव पास करके भाजपा की वर्षों की मंशा पर पानी फेर दिया।
देखते हैं कि क्या भाजपा ऐसे पार्षदों पर कोई कार्यवाही करती हैं ? अपनी ही पार्टी के पुरोध्दाओं के नाम पर घोषणाएं करके भाजपा पूरा शासन काल निकल जाने पर अमल नहीं कर पा रही है आश्चर्य है।
नगर पालिका परिषद की बैठक में सुरेश पचौरी समर्थक राकेश राय की अध्यक्षता में उनकी खास सिपलसालार जो उनकी विशेष अध्यक्षीय समिति में विशेष सदस्य हैं राबिया अशफाक ने भी यहाँ परिषद बैठक में स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा तहसील चौराहे पर स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर सबने स्वीकृति दी। अब मजे की बात यह है कि तहसील चौराहे के सौन्दर्यीकरण का काम भी राय परिवार द्वारा ही कराया गया था और अब यहाँ राकेश राय के कार्यकाल में सिंधिया जी की प्रतिमा स्थापित हो जायेगी तो कल तो राकेश राय सिंधिया समर्थक भी कहलाने लगेंगे। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस तहसील चौराहे पर पूर्व में एक राष्ट्रीय फूल कमल बना हुआ था उस स्थान पर सिंधिया जी की प्रतिमा बैठ जायेगी। fursat sehore