Saturday, February 23, 2008

अब चलित थाने गांवों में ही पहुँचकर सुनवाई करेंगे

आष्टा 22 फरवरी (फुरसत)। अभी तक पीड़ितों को घटना दुर्घटना के बाद चल कर थाने आना पड़ता था और यहाँ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था सरकार और पुलिस महकमे के आला अफसरों को अब लगा की जो थाने में आता है वो कितना परेशान होता होगा और किन-किन समस्याओं से उसे दो चार होना पड़ता होगा।
अब आई.जी.भोपाल, जिला पुलिस अधीक्षक सीहोर के निर्देशानुसार थाने में बैठे टीआई या सक्षम अधिकारी सादल बल के चलित थानों के साथ ग्रामों में पहुँचेंगे और वहीं पर शिविर लगाकर ग्रामीणों की शिकायतों समस्याओं का निराकरण करेंगे। एसडीओपी मनु व्यास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 22 फरवरी को आष्टा थाने का चलित थाना बड़झिरी एवं 26 फरवरी को टिटोरिया पहुँचेगा। जावर थाने का चलित थाना 24 फरवरी को बीसूखेड़ी एवं 26 फरवरी को मुरावर पहुँचेगा। सिध्दिकगंज थाने का चलित थाना 25 फरवरी को पगरिया हाट एवं नीलबड़ पहुँचेगा एवं 25 फरवरी को खाचरौद बादरिया हाट पहुँचेगा और इन ग्रामों में आये आवेदन पत्रों की जांच करेंगे तथा इन क्षेत्रों के निगरानी बदमाशों, गुण्डा तत्वों की जांच करेंगे। आर्म्स, लायसेंस, मुसाफिरान, पेंशन दारान की भी जांच करेंगे तथा इन ग्रामों में ग्राम रक्षा समितियो की बैठक आयोजित करेंगे। चलित थानों को मौके पर जो शिकायतें मिले उसकी त्वरित जांच कर निराकरण भी सुनिश्चित करेंगे। अगर पुलिस ने इन चलित थानों की योजना को ईमानदारी से निभाया तो निश्चित वरिष्ठ अधिकारियों को जिस उद्देश्य से उक्त चलित थानों की शुरुआत की है उसमें सफलता तो मिलेगी पुलिस के प्रति ग्रामीणों को विश्वास भी बढ़ेगा और अगर चलित थानों के साथ पहुँची। पुलिस ने वहाँ भी थानों जैसा रवैया अपनाया तो निश्चित यह योजना पुलिस को और बदनाम करेगी। देखना है अधिनस्थ अपने वरिष्ठों की कसौटी पर कितने खरे उतरते हैं। fursat sehore