सीहोर 7 फरवरी (फुरसत)। अनेकता मे एकता इस देश की पहचान है परंतु पिछले कुछ वर्षो से वह लोग जो राजनीति में अपनी पहचान खोने लगते है वह कुछ ऐसे असंवैधानिक कदम उठाते है जिससे न सिर्फ लोगो की भावनाएं आहत होती है। बल्कि इस देश की एकता एवं अखण्डता को भी मुहं चिढ़ाने का कार्य साबित होते है ।
इसके पूर्व की कई उदाहरण खालिस्तान, कश्मीर, आसाम, नागालैण्डज्ञ को प्रदेश के कुछ व्यक्तियों ने आंतक का सहारा लेकर देश को तोड़ने की कोशिश की जो अभी तक जारी है । इसी तरह से अब कुछ प्रदेश के ऐसे व्यक्ति जो राजनीति लाभ उठाने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार से ऐसा माहौल बनाते है ।
जिससे आशांति फैले एवं भय आंतक का माहौल पैदा हो इसी क ड़ी में आसाम, बिहार, मे हमने मानवता को खत्म होते देखा है । मानवता को नंगा नाच होते देखा है। कभी-कभी यह प्रश् प्रश् ही बन जाता है कि क्या हम वाकई में आजाद है।
कहां है सरकार, कहां है प्रशासन, कहां है मानवता, क्या ऐसे कार्य करने वालो को हमारे संविधान में विशेष छूट दी गई है। क्या दूसरे प्रदेश का व्यक्ति किसी अन्य प्रदेश में आकर नही रह सकता है क्या वह दूसरे प्रदेश में गुलाम हो जाता है। या आतंक फैलाने वाले यह भूल जाते है कि हमारे प्रदेश का नागरिक भी किसी अन्य प्रदेश में रहता है । उसके साथ भी कही ऐसा हो तो उसका क्या असर होगा । हम यह सवाल हमारे महाराष्ट्रयन भाई बहनों से करते है कि ऐसे कृत्य की आलोचना करने के लिये एवं राज ठाकरे जैसे व्यक्तियों के खिलाफ आवाज उठाकर एवं सच्चे भारतीय होने का परिचय दे ओर भारतीय एकता को बनाऐं रखे ।