Thursday, July 3, 2008

राजस्व मामलों में सबक दिया

सीहोर 2 जुलाई (नि.सं.)। कलेक्टर डी.पी.आहूजा की राजस्व मामलों में गहरी समझ का लाभ आज राजस्व अधिकारियों को उस समय मिला जब उन्होने अनेक मामलों को लेकर अधिकारियों से प्रश्न किए और जवाब चाहा। कलेक्टर श्री आहूजा ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक ली जिसमें यह तथ्य साफतौर पर उजागर हुआ कि उन्हें राजस्व मामलों में गहरी समझ है।
अवैध कालोनियों पर नजर
श्री आहूजा ने अवैध कॉलोनी के मुद्दों पर राजस्व अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वे नगरीय क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण रखें। उन्होने कहा कि इसके तहत छोटे भू-खंडो का नामांतरण नहीं होगा। कॉलोनाइजर्स की कॉलोनी का डायवर्सन तभी होगा जब वे टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग से अनुमोदित ले ऑउट पेश करेंगे और विकास कार्य निर्धारित माप दण्डों के मुताबिक पूरा होगा।
शामलात खाते की भूमि नहीं बिकेगी
शामलात खाते की भूमि के विय पर कलेक्टर ने कहा कि शामलात खाते की जमीन तभी विय होगी जब पहले उसका बंटवारा कराया जायगा। उन्होंने बताया कि बिना बंटवारे के भूमि विय से विवाद की स्थिति निर्मित होती है। विय से पूर्व बंटवारा हो जाने पर खरीददार और विक्रेता दोनों को यह जाहिर हो सकेगा कि सौदा किस भूमि का हुआ है। गौरतलब है कि राजस्व न्यायालयों में अनेक मामले ऐसे आते रहे हैं जब बिना बंटवारा किए भूमि बेची गई और कब्जे को लेकर विवाद के हालात बने।
हाथ से नकल पर नाराजी
कलेक्टर डी.पी.आहूजा ने हाथ से नकल किए जाने की स्थिति पर खासी नाराजी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सभी तहसीलों में कम्प्यूटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर दिए जाने के वावजूद हाथ से नकल दिया जाना कतई ठीक नहीं माना जाएगा। नकल हर सूरत में कम्प्यूटराइज्ड ही दी जाएगी। उन्होंने ताकीद की कि तहसील के कम्प्यूटर में रखे रिकार्ड को अपडेट कराया जाए जिसकी एक प्रति जिला स्तर पर भी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हॉलाकि यह कार्य काफी मशक्कत भरा है पर इसे पूरा करना ही होगा।
पटवारी सीधे कब्जा दर्ज नहीं करेगा
कलेक्टर श्री आहूजा ने कहा कि कोई भी पटवारी खसरे में कब्जा सीधे दर्ज नहीं करेगा। कब्जा दर्ज करने के पूर्व पटवारी को समक्ष अधिकारी की अनुमति लेना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति किए कब्जा दर्ज होता है तो संबंधित के खिलाफ कठोरता से पेश आया जाएगा वहीं ऐसे दर्ज कब्जे निरस्त कर बेदखली आदेश जारी होंगे और कब्जा हटा दिया जाएगा।
कलेक्टर ने जाति प्रमाण - पत्र देने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने की ताकीद करते हुए कहा कि जाति प्रमाण पत्र के लिए छात्र अपना आवेदन संस्था प्राचार्य को प्रस्तुत करेंगे और संस्था के प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित छात्रों के प्रमाण - पत्र बनवाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से उन्हें तहसील के चक्कर नहीं लगाने पडेगें और अध्ययन के लिए समय की बचत भी होगी। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे इस सिलसिले में संस्था प्राचार्यो की बैठक कर एक सुनियोजित प्रक्रिया निर्धारित करें। उन्होंने लेमिनेटेड प्रमाण पत्र देने की हिदायत देते हुए कहा कि इसके लिए आदिमजाति कल्याण विभाग से राशि एस.डी.एम को दिलाई जाएगी जिससे प्रमाण पत्रों को लेमिनेट कराया जायगा।
बैठक में वसूली कार्य की समीक्षा के दौरान उन्होंने लीड बैंक ऑफीसर को निर्देश दिए कि वे ब्रिस्क प्रोत्साहन राशि तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराएं जिससे वसूली में बेहतर कार्य करने वाले राजस्व अधिकारियों को यह राशि प्रदान की जा सके।बैठक में एडीएम श्रीमती भावना बालिम्बे, संयुक्त कलेक्टर चन्द्रशेखर बालिम्बे, एसडीएम सीहोर चन्द्रमोहन मिश्रा, एसडीएम इछावर तूफानसिंह अहिरवार, एसडीएम आष्टा श्रीमती जी.व्ही.रश्मि, एसडीएम नसरूगागंज आर.आर. चौधरी, तह. सीहोर राजेश शाही, आष्टा तह. बिहारी सिंह, तह. बुधनी दिनेश तोमर, तहसीलदार इछावर ए.के. बडकुर मौजूद थे।