Thursday, July 3, 2008

जिले की सीमा में आने वाला इन्दौर भोपाल मार्ग चोर, लुटेरे, कंजरों के हवाले

10 दिन में घटी दिन दहाड़े लूट, डकैती की घटनाएं हुई 3 हत्या
आष्टा 2 जुलाई (सुशील संचेती)। जिले की सीमा के अन्तर्गत आने वाला इन्दौर भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले कुछ दिनों से इस रोड पर रात तो रात दिन दहाड़े अज्ञात लोग ट्रकों की त्रिपाल काटकर सामान उतार रहे हैं। लोहे से भरे सरिये के ट्रक के ट्रक गायब हो रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस मार्ग पर जावर, आष्टा पुलिस को रात्रि गश्त एवं दिन में चौकसी के दावे करती है वो सभी दावे इन वारदातों को अंजाम करने वालों ने थोथे साबित कर दिये हैं।
आश्चर्य का विषय तो यह है कि इस मार्ग पर इतनी वारदातें होने के बाद भी कभी सुनने में नहीं आया कि जिला पुलिस अधीक्षक डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने पुलिस को कभी भले प्यार से ही सही फटकारा हो ? ऐसा कभी नजर नहीं आया ना ही सुनने को मिला।
गत दिवस आष्टा में भाजपा की जो आंकलन समिति की बैठक हुई थी उसमें जो भाजपा के एक नेता ने अपने भाषण में जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ खुले आरोप लगाये जबसे सीहोर जिले में पुलिस की कमान कप्तान राजेन्द्र सिंह के हाथों में सौंपी गई है तब से जिले में जिस प्रकार लूट, ट्रक, चोरी, हत्याएं, जुंआ-सट्टा, पशु परिवहन, आदि की घटनाएं बढ़ी हैं उससे कहीं भी नहीं लगता है कि जिले में कोई पुलिस अधीक्षक भी है। भाजपा नेता तो यहाँ तक कहा था कि डॉ राजेन्द्र प्रसाद को जिला पुलिस अधीक्षक के रुप में कभी आष्टा क्षेत्र में घटनाओं के बाद उन्हे गंभीरता से लेते हुए नहीं देखा गया। तो पूरे जिले में वे क्या खाक गंभीर होंगे।
आष्टा क्षेत्र में पिछले 10 दिनों में आष्टा और जावर थाना क्षेत्र के ही अन्तर्गत इन्दौर-भोपाल मार्ग पर लगभग 8 ज्ञात ट्रक कटिंग एवं 1 लोहे से भरे ट्रक को लूट कर ले जाने सनसनीखेज जो घटनाएं घटी हैं उससे इस मार्ग से आष्टा आने वाले ट्रक चालकों एवं उनके मालिकों में इतना भय व्याप्त हो गया है कि अब वह जब इन्दौर या भोपाल से चलते हैं तो आष्टा क्षेत्र में अपने साथ एक अतिरिक्त व्यक्ति को क्लीनर के रुप में लाते हैं और उसे जैसे ही सीहोर जिले की सीमा प्रारंभ होती है ट्रक के पीछे या उसके ऊपर सुरक्षा की दृष्टि से बैठा देते हैं या फिर ऐसे ट्रक चालक अन्य कोई उपाय करते हैं जिससे वह सीहोर जिले की सीमा से सुरक्षित निकल जायें। ट्रक चालकों व मालिकों का ऐसा सोचना एवं ऐसा करना निश्चित पुलिस के लिये तो करारा तमाचा है ही बल्कि पूरे देश में इस कारण सीहोर की छवि भी धूमिल हो रही है।
घटनाओं का सिलसिला
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 10 दिनों में 23 जून को सोंडा के पास अज्ञात लुटेरे जो एक बुलेरो में सवार होकर आये थे तथा लोहे से भरे सरियों का ट्रक को लूट कर ले गये थे तथा चालक व परिचालक को बंधक बनाकर दूर सिवनी मालवा के जंगल में ले जाकर छोड़ आये थे।
मामला यही नहीं थमा 25 जून को मार्डन डेरी के पास अज्ञात चोर ट्रक में चढ़े तथा दो गठान साड़ियों की उतार ले गये। उक्त घटना रात की होती तो सामान्य रुप में ले ली जाती है लेकि न यह घटना दोपहर 2.30 बजे की है तथा उस स्थान पर घटी है जहाँ पूरे दिन चहल-पहल रहती है।
इसके बाद पुन: 28 जून को सुबह एक और ट्रक की त्रिपाल काटकर जावर थाना अन्तर्गत डोडी ग्राम के पास 7 कार्टून परचून के ट्रक से उतार लिये गये। जिसकी शिकायत जावर थाना में हुई।
इसके बाद फिर अगले ही दिन 29 जून को दिन दहाड़े 2.30 बजे डोडी जोड़ के पास ट्रक की त्रिपाल काटकर दो कार्टून चोर उतार ले गये।
कल फिर अज्ञात चोरों ने दरखेड़ा पुलिया के पास एक ट्रक की त्रिपाल दिन में 12.30 बजे काटकर लगभग 8-10 कार्टून चप्पल एवं दवाओं के उतारकर ले गये।
यह घटनाएं तो ऐसी हैं जो थाने तक पहुंच गई लेकिन इसी प्रकार की और भी कई घटनाएं घटी हैं जो कि न्ही कारणों से थाने नहीं पहुँच पाई। ऐसा नहीं है कि आष्टा और जावर क्षेत्र में केवल ट्रक कटिंग ही हो रही है। पिछले माह आष्टा व जावर व सिध्दिकगंज क्षेत्र में 3 अलग-अलग स्थानों पर जो हत्याएं हुईं लगभग 1 माह बीतने के बाद भी इन तीनों हत्याओं के हत्यारों तक अभी तक नहीं पहुँच पाई है। इसमें 18-19 जून की रात्रि में दशहरा मैदान आष्टा में घर की छत पर सो रही 80 वर्षीय वृध्द महिला के पैर काटकर हत्यारे हत्या कर चले गये।
23 जून को कुर्लीखुर्द ग्राम में 13 वर्ष के बालक राकेश प्रजापति की लाश जंगल में मिली जिसके हत्यारे भी दूर हैं। दो हत्याओं का पर्दाफाश भी नहीं हुआ था कि 26 जून को जावर थाना अन्तर्गत ग्वाला ग्राम के माखनलाल पाटीदार का शव ग्वाला के जंगल में मिला। इसकी हत्या हुई या मौत स्वभाविक थी पुलिस आज तक कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।
इतनी बड़ी -बड़ी घटनाएं क्षेत्र में लगातार घटी इसके बाद भी पुलिस विभाग कोई हलचल नहीं होना....? इस बात को दर्शाता है कि पुलिस कितनी गंभीर है ? खबर है कि आज रात्रि में पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सीहोर से चलकर आष्टा पहुँचे लगभग 1 घंटे आष्टा रुके वो क्यों आये ? और किस विषय पर 1 घंटे तक आष्टा थाने में एसडीओपी मनु व्यास, टीआई अतीक खान के साथ चर्चारत रहे यह अभी अज्ञात है। सभी घटनाओं एवं भाजपा की बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक के खिलाफ जनआक्रोश देखना है कि आगे क्या रंग लाता है लेकिन मुख्यमंत्री के जिले में इतना कुछ होना और घटना और उसके बाद भी सबकुछ आराम से चलते रहना आश्चर्य के साथ-साथ चर्चा का विषय तो है ही।