Sunday, December 28, 2008

भूसे को बाहर ले जाने पर लगे रोक

जावर, 26 दिसम्बर (नि.प्र.) इस वर्ष हुई अल्प वर्षा का असर चौतरफा दिखाई देने लगा है नगर सहित गांवों में अल्प वर्षा के कारण अभी से जल संकट दिखाई देने लगा है वही कम बारिश होने के कारण क्षेत्र में गेहूं की बोवनी काफी कम क्षेत्र में हुई है। जहां कई पहले किसानों ने गेहूं की बुआई भी कर दी थी तो अब उस फसल को पानी नहीं मिल रहा है।

      ऐसी स्थिति में इस वर्ष गेहूं का भूसा कम होने की आशंका से क्षेत्र का पशुपालक किसान अभी से चिंतित दिखाई देने लगा है। हालांकि जिले में भूसे की कही कोई कमी नहीं है लेकिन प्रतिदिन क्षेत्र व जिले की सीमा से बाहर के लोग आकर भूसा खरीद कर ले जा रहे हे जिस कारण भूसा मंहगा किने लगा है क्षेत्र के पुशपालकों ने जिलाधीश से जिले से बाहर भूसा ले जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

      पशु पालक राधेश्याम पाटीदार ने बताया कि इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण काफी कम क्षेत्र में ही गेहूं की बुबाई हुई है ऐसी स्थिति में आने वाले समय में भूसे का संकट आना स्वाभाविक है।

      भाटीखेड़ा के अनिल मालवीय ने बताया कि क्षेत्र में अभी भूसे की कोई कमी नहीं है लेकिन अन्य जिलों से प्रतिदिन लोग आकर क्षेत्र से अधिक कीमत पर भूसा खरीद कर ले जा रहे है जिस कारण स्थानीय पशुपालकों को महंगा भूसा (बगदा) खरीदना पड़ रहा है।

      दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के अध्यक्ष रमेश पाटीदार का कहना है कि जिस तरह जिलाधीश ने जिले को जल अभाव ग्रस्त घोषित किया है ठीक उसी तरह से जिले की सीमा से बाहर खरीद कर ले जा रहे भूसे पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। जिले की सीमा से बाहर भूसा ले जाने पर क्षेत्र के किसानों ने प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मांग करने वालों में कमलसिंह, राजेन्द्र सिंह, फूलसिंह, विक्रमसिंह, खुमानसिंह, करण सिंह, धीरजसिंह, जसपाल सिंह, दयाराम, मान सिंह आदि।