Tuesday, November 11, 2008

तपस्वियों का सम्मान समारोह सम्पन्न

      आष्टा 10 नवम्बर (नि.प्र.)। जो व्यक्ति जीवन में जिनवाणी का श्रवण करता है साधु संतों के सानिध्य में पहुँचकर उनके अमृत वचनों को सुनकर उन्हे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करता है ऐसे व्यक्तियों का जीवन बदलते देर नहीं लगती है। इस चातुर्मास में जिन लोगों ने ज्ञानियों की बताई बातों को सुना और अगर उसमें से एक शब्द भी अपने जीवन में उतार लिया तो निश्चित उसका जीवन बदल जायेगा।

      उक्त उद्गार पूय म.सा. श्री मधुबाला जी ने आज श्री वर्धमान स्थानकवासी श्रावक संघ आष्टा द्वारा आयोजित तपस्वियों के सम्मान समारोह में व्यक्त किया। पूय सुनीता जी म.सा. ने कहा कि तप का एक पल भी निरर्थक नहीं जाता है। ज्ञान-दर्शन, चारित्र, तप की आराधना मोक्ष के समीप ले जाती है। महाराज साहब ने तप को एक फास्ट रिलिफ औषधी बताया है। आज आयोजित श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित तपस्वियों के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में बड़वाह निवासी महेश डाकोलिया अध्यक्ष श्री धर्म दास अ.भा. जैन युवा संगठन उपस्थित थे। अध्यक्षता कपूरमल जैन प्राचार्य शा. महाविद्यालय आष्टा ने की। विशेष अतिथि के रुप में आईसी जैन सेवानिवृत्त एसी म.प्र. विद्युत मण्डल इन्दौर उपस्थित थे। सम्मान समारोह में स्वागत गीत सोनम देशलहरा एवं श्रीमति साधना रांका, श्रीमति रुचि रांका, श्रीमति राखी चौरड़िया ने भी अपने भावों को व्यक्त किया। सम्मान समारोह में 11,9,8,5,4,3 उपवास की तपस्या करने वालों को सम्मानित कर स्मृति चिन्ह आदि भेंट किये। इस अवसर पर श्रावक संघ अध्यक्ष लोकेन्द्र बनवट श्रीमति साधना रांका का सराहनीय सेवा के लिये सम्मान किया गया। तपस्वियों का बहुमान महिला मंडल द्वारा एवं तेले की तपस्या करने वालों को संचेती परिवार की और से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर अतिथिद्वय डाकोलिया एवं श्री जैन को स्मृति चिन्ह स्वागत श्री सवाईमल जैन, चन्दनमल जी बनवट, लोकेन्द्र बनवट, चन्द्रेश ललवानी, विजय देशलहरा द्वारा किया गया। श्रावक संघ की और से सुशील संचेती, नरेन्द्र गंगवाल, लक्की देशलहरा का भी स्वागत सम्मान किया गया।

      चातुर्मास में अनेकों श्रावक-श्राविकाओं ने 11,9,8,5,4,3 व अन्य प्रकार की तपस्या की। आज प्रात: पूय म.सा. श्री मैन कुंवर जी म.सा. के पुण्य स्मरण दिवस पर श्रावक विजय कुमार-विनोद कुमार देशलहरा परिवार की और से एकासने तप का कार्यक्रम रखा गया था। शिक्षण शिविर में उपस्थित रहने पर आकांक्षा रांका, रिक्की देशलहरा, अमिसा संचेती को भी सम्मानित किया गया। सेवाभावी श्रावक रिलेश बोथरा एवं कु. नीतू देशलहरा का स्वागत किया गया। कार्यक्रम को भी श्री डाकोलिया जी एवं कपूर मल जी जैन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सुशील संचेती ने किया तथा अंत में सभी का आभार दिलीप सुराना ने व्यक्त किया।