भाजश ने कहा कि सन्नी हमें सहयोग करे
सीहोर 3 नवम्बर (आनन्द भैया)। भाजपा को पूरे मध्य प्रदेश में बड़ा झटका देने वाली और अनेक जगहों पर हराने वाली पार्टी के रुप में जिस भारतीय जनशक्ति पार्टी को देखा जा रहा है वही पार्टी सीहोर में कह रही है कि हम सिर्फ जीतने के लिये अपनी उम्मीद्वार मैदान में उतारेंगे। और शायद इसलिये ही अब तक सीहोर के लिये प्रत्याशी का चयन नहीं किया गया है। सोमवार रात उमाश्री सीहोर के संबंध में बातचीत करेंगी। आज इछावर से जनशक्ति ने आवेदन दे दिया है। कल आष्टा से भी फार्म भरा जायेगा। सीहोर से संभवत: 5 को आवेदन भरा सकता है। आज जनशक्ति के लोकेन्द्र मेवाड़ा ने फुरसत से बातचीत में यह स्पष्ट कहा है कि जो भाजपा से असंतुष्ट हैं वह खुलकर जनशक्ति का सहयोग करें।
पूर्व मुख्यमंत्री उमाश्री भारती की एक जोरदार सभा बड़ा बाजार सीहोर में सम्पन्न हो चुकी है और उसी के साथ जनशक्ति का चुनावी कार्यालय भी खुल चुका हैं जहाँ हर समय कुछ ग्रामीणों की उपस्थिति नजर आना एक बड़ी बात मानी जा रही है। कहीं ना कहीं जनशक्ति का काम चल रहा है अथवा ग्रामीणों के आने के पीछे आखिर राज क्या है ? और क्या वाकई जिन ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीणों का जनशक्ति में शामिल होने की जानकारियाें जनशक्ति दे रही है वह सही है यह बातें विचार की जाने लगी हैं।
इसके साथ ही जनशक्ति की इछावर प्रत्याशी रमिला परमार की घोषणा ने जहाँ इस बात की चर्चाएं फैला दी कि जनशक्ति ने इछावर को लेकर जल्दबाजी इसलिये की क्योंकि वहाँ तो करण सिंह वर्मा का नाम तय हैं और करण सिंह के उमाश्री से संबंध पूर्व में अच्छे रहे थे।
इस संबंध में आज जब फुरसत ने जनशक्ति के लोकेन्द्र मेवाड़ा ने बातचीत करते हुए स्पष्ट कहा है कि करण सिंह जी ने तो मंत्री पद लेने के लिये उमाश्री से नजदीकियाँ बनाई थी, उसमें वह सफल भी हो गये थे। बाद में करण सिंह फिर वही राग अलापने लगे कि शिवराज बहुत अच्छा मुख्यमंत्री है। तो ऐसा नहीं है कि करण सिंह से जनशक्ति को कोई लेना-देना है। हाँ यदि करण सिंह जनशक्ति में शामिल होना चाहते तो हम उनका स्वागत करते।
ज्ञातव्य है कि सीहोर में भाजपा विधायक रमेश सक्सेना की घोषणा हो चुकी है ऐसे में भाजपा से खुलकर सन्नी महाजन ने बगावत शुरु कर दी है। इस बार सन्नी समर्थकों का स्पष्ट कहना है कि गौरव सन्नी महाजन इस बार चाहे टिकिट मिले या ना मिले चुनाव अवश्य लड़ेंगे। लेकिन इसके साथ ही चौराहों पर यह हवा भी बनने लगी है कि पिछले कुछ दिनों से जनशक्ति से भी सन्नी महाजन अथवा उनके समर्थकों का सम्पर्क जारी है और निश्चित रुप से कुछ नया ही निर्णय हो सकता है। कयास यह भी लगने लगे हैं कि यदि सन्नी महाजन जनशक्ति से लड़ते हैं तो निश्चित रुप से उनका वजन बढ़ेगा और उभरेगा। लेकिन पूर्व में ही जनशक्ति नेता श्री मेवाड़ा कह चुके हैं कि हर कोई जनशक्ति से दावेदारी ना करें। पार्टी में पहले से जुड़ना चाहिये था। लेकिन मेवाड़ा की इस बात का महत्व इसलिये नहीं हो सकता क्योंकि राजनीति में सब जायज है और जनशक्ति ने सीहोर का टिकिट रोककर रखा है तो निश्चित रुप से कुछ गणित अवश्य है।
आज फुरसत ने जब इस संबंध में भी लोकेन्द्र मेवाड़ा से बातचीत की तो उन्होने कहा कि जहाँ तक बात सन्नी महाजन की है तो वह कोई जनशक्ति के तो हैं नहीं, वह तो भाजपा के हैं और वहां उन्हे टिकिट नहीं मिला है तो उनके समर्थक और वो स्वयं मायूस हैं। ऐसे में उन्हे बगावत भी करना चाहिये और यदि वह चाहें तो जनशक्ति का सहयोग भी कर सकते हैं। क्योंकि भाजपा हो या कांग्रेस दोनो ही पार्टियों में बागियों को बाद में वापस ले लिये जाने परम्परा विद्यमान है इसलिये सन्नी को बगावत खुलकर करना चाहिये। मेवाड़ा ने सन्नी महाजन के जनशक्ति से लड़ने की अभी तक किसी भी संभावना से इंकार किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि बाकि ऊपर से जो निर्णय होगा वह भी जनशक्ति के कार्यकर्ताओं को मान्य रहेगा। उन्होने कहा कि आज शाम 9 बजे के लगभग सीहोर के संबंध में उमाश्री भारती से बातचीत होगी और संभवत: कल 4 नवम्बर को जनशक्ति शेष उम्मीद्वारों की घोषणा कर दे। उन्होने यह भी कहा कि 5 नवम्बर को जनशक्ति सीहोर से आवेदन भर देगी। अभी सीहोर के पैनल के सभी व्यक्ति आवेदन भरेंगे। अंत में जो निर्णय होगा उसे सर्वमान्य मान लिया जायेगा। लोकेन्द्र मेवाड़ा ने कहा कि हमारा उद्देश्य ऐसे उम्मीद्वार को खड़ा करना है जो विजयी हो जबकि भाजपा कांग्रेस के बागी सिर्फ खुद की पार्टी को हराने के लिये खड़े हो रहे हैं तो उन्हे जीतने की तमन्ना नहीं है, इसलिये हमारे यहाँ उसी के लिये जगह है तो जीतने के लिये लड़े।
लगता है कि भारतीय जनशक्ति पार्टी सीहोर से घोषणा करने में जो समय ले रही है उसके पीछे कुछ राज है। जनशक्ति की नीति को लेकर भी तरह-तरह की सोच जारी है। यह तय है कि जिस तरह उमाश्री भारती ने श्यामपुर में सक्सेना के खिलाफ और उसके बाद बड़ा बाजार में तो यह तक कहा था कि पिछले ही चुनाव में वर्तमान विधायक की जमानत जप्त हो जाती तो निश्चित ही लगता है कि उमाश्री सीहोर को लेकर गंभीर हैं और यहां कोई वजनदार उम्मीद्वार ही खड़ा करना चाहती हैं। वैसे स्वयं उमाश्री के लिये सीहोर की सीट सबसे यादा सुरक्षित मानी जा सकती है। यदि वह उम्मीद्वार के रुप में एक दिन ही प्रचार करने आ गईं तो निश्चित ही उनकी एक तरफा विजय हो सकती है। देखते हैं जनशक्ति आगे क्या कदम उठाती है ?
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