Tuesday, November 4, 2008

ओम से गुंजायमान हुआ गगन, दूसरे दिन भी उमडा योग प्रेमियों का सैलाब

      सीहोर 3 नवम्बर (नि.सं.)।  रोगों से जकड़े लोग अब योग शिविर में हिस्सा लेकर अपने जीवन को योग से जोड़कर खुशियों का अनुभव कर रहे है। पिछली दो सुबह खुशगवार माहौल में व्यतीत हुई। योग के दूसरे दिन समलन सत्र में जब सभी योगार्थियों ने ओम का नाम लेकर आकाश गुंजाएमान किया तो आयोजन स्थल का नजारा बस देखते बन रहा था।

      स्वामी रामेश्वर श्री योग सेवा समिति के तत्वाधान में स्थानीय बी.एस.आई. खेल मैदान पर चल रहा सात दिवसीय योग एवं रोग निवारण शिविर के दूसरे दिन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त योग गुरु स्वामी रामेश्वर जी ने योगार्थियों की शुरुआत वार्मअप से करवाई। इसके बाद प्राणायाम, आकाश जाटव तथा आंखों और पैरों के विभिन्न आसान, आसन करवाए। इसके बाद विष्णु भैया, आसन, मढूक आसन तथा कई और उपयोगी आसन करवाए। स्वामी रामेश्वर ने दूसरे दिन भी जोड़ों के दर्द की दवा, चक्कर, मिर्गी, हिस्तीरिया, ह्दय रोग की दवा योगार्थियों को बांटी। योग समापन के बाद 27 प्रकार के काढ़े भी नि:शुल्क योगार्थियों को पिलाए गए।

      प्रवचनों में टपकता है अमृत रस :- स्वामी रामेश्वर जी योग प्रशिक्षण के दौरान बीच-बीच में प्रवचनों के माध्यम से अमृत रास की वर्षा करते हैं वह विभिन्न बीमारियों के कारण और निदान की भी चर्चा करते हैं। इतने साधारण उपाय बतलाते है कि योगार्थी उनको सुनकर अभिभूत हो जाते है। भारतीय संस्कृति की महानता का दर्शन करवाते है तथा बड़ रहे आडम्बर पर जमकर फटकार भी लगाते है। कुरीतियों के उन्मूलन की बात करते है।

      मधु मक्खी काटे का इलाज शक्कर और मिश्री-स्वामी रामेश्वर जी ने योग के दौरान बताया कि यदि मधुमक्खी काट ले तो डंक का असर समाप्त हो जाता है। इसी प्रकार स्वामी रामेश्वर जी ने जोड़ों और पिण्डलियों के दर्द के लिए आंकड़े के पत्ते जूते और चप्पल में रख लिया जाए तो चमत्कारिक फायदा होता है।

      जब बताए रोग निवारण के नुस्खे :- स्वामी रामेश्वर जी ने योग प्रशिक्षण के दौरान कुछ रोगों के अचूक निवारण नुस्खे बतलाएं। उन्होंने बताया कि मधुमेय या डायबिटीज से पीढ़ित लोग 25 प्रतिशत जौ,  25 प्रतिशत बाजरा और 40 प्रतिशत गेंहू तथा 10 प्रतिशत देशी काला चना की रोटियां खाना शुरु कर दें तो डायबिटीज स्वत: नियंत्रण में आ जाती है। इसी प्रकार हाईब्लड प्रेशर के रोगी रात की बांसी रोटी सुबह दूध में मिलाकर खाएं तो फायदा मिलता है। जिन लोगों को सर्दी, जुकाम, कफ स्थायी घर कर गया हो तथा रोग ठीक न हो रहा हो तो ऐसे रोगी 50-50 प्रतिशत  राजगिरा और गेंहू का आंटा की रोटी खाना शुरु कर दें, शर्तिया और स्थायी लाभ मिलेगा।

        जो असानी से हो वह आसन :- स्वामी रामेश्वर जी ने बताया कि जो आसानी से हो वह आसन है। योग का मूल तथा वास्तविक सार है कि योग हमें जीवन के मूल तत्वों से जोड़ता है।

      आज मिलेगी आंखों की दवा :-योग एवं रोग निवारण शिविर में मंगवालर 04 नवम्बर 08 को प्रात: 5:25 बजे आंखों की चमत्कारिक दवा नि:शुल्क वितरित की जाएगी।