Monday, October 20, 2008

भगवान के चढ़ावे के नाम पर सोने की अंगूठी निकलवा ली

      सीहोर 19 अक्टूबर (नि.सं.)। दिन के ठीक 12 बजे बड़ा बाजार सत्तनारायण मंदिर के पट बंद कर मंदिर पुजारिन श्रीमति पारिख जाने की तैयारी में ही थी कि अचानक दो युवक मोटर साईकिल से आये और मंदिर पर चढ़ने लगे। बंद दरवाजे देख उन्होने पुजारिन से कहा कि कृपया दरवाजे खोल दें हमें अंदर दर्शन करना हैं, 50-50 के दो नोट भी इन्होने निकालते हुए कहा कि हमें रुपये भी चढ़ाने हैं।

      सहज भाव में पुजारिन ने बकायदा मंदिर खोला दिया और वह अंदर आ गये। मंदिर में प्रवेश करते हुए ही इन युवकों ने अचानक अपने जेब तलाशना शुरु कर दी। एक दूसरे की जेव की दिखाई फिर दोनो ने जेब देखी फिर आश्चर्य के भाव चेहरे पर इन दोनो युवकों ने पैदा किये और कहा अरे कहाँ गई ? जेब में तो है ही नहीं....सोने की अंगूठी...। फिर दूसरे ने कहा लगता है कि वो घर पर ही रह गई।

      तब इन्होने मंदिर की पुजारिन से कहा कि हमें भगवान को एक सोने की अंगूठी चढ़ाना थी, जो हम घर भूल आये हैं। कल हमारी दुकान का उद्धाटन है, इसके पूर्व अंगूठी चढ़ाना थी। अब क्या करें ऐसा कीजिये आपके  हाथ में जो अंगूठी है कृपया वह उतारकर हमें दे दीजिये, हम इसे भावना से चढ़ा देते हैं ताकि हमारी अर्जी हो जाये, कल दुकान खुलने के बाद फिर वो नई अंगूठी भी चढ़ा जायेंगे।

      एक रुमाल भी इस दौरान इन दोनो युवकों ने निकाल लिया और हाथ में ले लिया। पुजारिन ने सहज भाव में अंगूठी निकालकर इन्हे दे दी जो इन्होरे रुमाल पर रखते हुए उसे भगवान को चढ़ाने का उपक्रम किया। इसके बाद धोक दिये और बहुत तेजी के साथ मंदिर के बाहर निकल गये।

      उधर इनके बाहर निकलते-निकलते ही पुजारिन ने तत्काल उठकर भगवान के चरणों में चढ़ी अंगूठी और रुमाल देख डाला। पता चला उसमें अंगूठी तो थी ही नहीं। वह वहीं से चिल्लाई कि अंगूठी कहाँ है।

      इधर एक युवक ने मोटर साईकिल चालू कर ली थी दूसरा युवक वाहन पर बैठ पाता इसके पूर्व ही पुजारिन ने आवाज लगा दी तब मजबूरन घबराये दोनो युवक जिन्होने बड़ी ही चालाकी के साथ अंगूठी गायब कर दी थी उसे वहीं मंदिर में छोड़कर यह भाग निकले। युवकों ने 50-50 के नोट भी मंदिर में नहीं चढ़ाये।

      इस प्रकार आज मंदिर में चढ़ावे को लेकर एक नये ही ढंग से ठगों ने अपना कमाल दिखाया लेकिन वह कुछ कर नहीं पाये। 

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