सीहोर 25 अक्टूबर (नि.सं.)। चुनावी कामकाज में निष्पक्षता को लेकर कोई अंगुली न उठे इसके लिए निर्वाचन आयोग मुस्तैद है। उसकी ताजा हिदायत प्रिसाइडिंग अफसरों और अन्य मतदान कर्मचारियों के लिए है जिनकी मतदान के दौरान बार-बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन वाले खंड में आवाजाही रोक दी गयी है। अलबत्ता, वोटर की किसी अडचन को दूर करने के लिए कार्ड बोर्ड के डमी मॉडल से मतदान वाले हिस्से के बाहर उसे ये कर्मचारी समझाइश दे सकेंगे । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.पी.आहूजा द्वारा इस आशय की जानकारी गत दिवस आयोजित राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों की बैठक में दी जा चुकी है।
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि मतदान केन्द्र पर इस काम से जुड़े अमले के कदाचरण की किसी भी शिकायत को गंभीरता से लेकर सटीक जांच होगी और इसकी रिपोर्ट तत्काल उसे की जाएगी। आयोग संबंधित के खिलाफ कार्रवाई में देरी नहीं करेगा। प्रेक्षकों को इस बारे में किसी भी शिकायत या आरोप को पूरी तवज्जो देकर तत्काल जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रिसाइडिंग अफसरों को उनकी ट्रेनिंग के दौरान इस बारे में भलीभांति बताया जाएगा। मतदान दलों को केन्द्रों की तरफ रवानगी के वक्त भी इस निर्देश की एक प्रति उनके किट में अन्य दस्तावेजों के साथ रखी जाएगी। आयोग ने इस ताजा निर्देश के बारे में सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को भी जानकारी देने के लिए कहा है।
आयोग के ध्यान में लाया गया है कि कुछ मतदान अधिकारी और स्टॉफ कर्मी मतदान के वक्त मतदान खंड में बार-बार जाकर मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के इस्तेमाल की समझाइश देते हैं। इसके चलते राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों द्वारा मतदान कर्मियों की निष्पक्षता पर आरोप लगाने की संभावना पैदा होती है। ऐसी किसी भी शिकायत की गुंजाइश को खत्म करने के लिए कार्डबोर्ड डमी के इस्तेमाल की हिदायत दी गई है।
निर्देश के मुताबिक जिला निर्वाचन अधिकारी इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन इकाई का छपे हुए नमूने वाला वास्तविक आकार का कार्डबोर्ड सभी प्रिसाइडिंग अफसरों को मतदान केन्द्र जाते वक्त देंगे। इस बारे में साफ किया गया है कि इस नमूने की छपाई में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसमें सिर्फ नकली (डमी) नाम और नकली चुनाव चिंह ही हाें जो कि इस्तेमाल में नहीं है। इसे रंगीन तौर पर छापा जाएगा ताकि नीला बटन और हरी तथा लाल लाईट स्पष्टत: दिखें।
मतदान के दौरान यदि कोई मतदाता मशीन के इस्तेमाल में असमर्थता व्यक्त करते हुए मदद मांगे तो प्रिसांइडिंग अफसर उसे कार्डबोर्ड मॉडल के जरिए इस प्रयिा की जानकारी इस तरह दे सकेंगे कि वोटर की समझ में आ जाए कि वोटिंग का तरीका क्या है। यह काम सिर्फ मतदान खंड के बाहर और एजेंटों की मौजूदगी में ही किया जाएगा।
यह भी साफ किया गया है कि कोई मतदाता शरारत करते हुए वास्तविक वोटिंग मशीन पर कोई काग्रज या टेप को चुनाव चिंह, नाम और बेलट बटन पर न लगा दे, इसका जायजा प्रिसाइडिंग अफसर वक्त-वक्त पर बेलट यूनिट का निरीक्षण करके ले सकेंगे। लेकिन यह निरीक्षण इसकी जरूरत बताते हुए पोलिंग एजेंटों की तात्कालिक मौजूदगी में ही किया जा सकेगा।