Sunday, October 26, 2008

धनतेरस पर बर्तन खरीदने वालों को मंदी होगा फायदा

      आष्टा 25 अक्टूबर (नि.प्र.)। आज से 5 दिवसीय दीपावली का पर्व शुरु हो रहा है कल धनतेरस है धनतेरस पर बर्तन, सोना-चांदी के आभूषण आदि खरीदना शुभ माना जाता है आज धनतेरस को लेकर आष्टा नगर का सराफा एवं बर्तन बाजार सजकर तैयार है कल धनतेरस पर खरीदारी करने वालों का मंदी के कारण फायदा मिलेगा क्योंकि देश में विश्वव्यापारी मंडी का पूरा असर सराफा एवं बर्तन बाजार पर भी पड़ा है तथा विभिन्न धातु के बर्तन एवं सोना चांदी के भावों में काफी मंदी आई है। विभिन्न धातुओं के बर्तनों के भावों में कमी तो आई है लेकिन दिशावर के बड़े-बड़े बर्तन व्यापारी नमे माल में मंडी के बाद भी भाव नहीं घटा रहे है।

      आज इस सम्बंध में फुरसत ने नगर के बर्तन व्यापारी कैलाश चन्द्र गोखरू, हंसकुमार वर्मा, फूलचन्द्र वर्मा, गोविन्द चन्द्र वर्मा आदि से चर्चा की तो बताया गया मंडी का असर बर्तनों पर भी  हुआ है 2-4 दिन में और असर हुआ है श्री गोखरू ने बताया कि तांबे के बर्तन पहले 400 से 410 का भाव था अब 350 से 360 का भाव है (50 से 60 रुपये की मंदी) पीतल के बर्तन के भाव पहले 300 से 320 रुपये मिले थे अब 275 से 280 के हो गये है (25 से 30 रुपये की मंडी) एल्यूमिनियम के बर्तनों पर मंदी का कोई खास असर नहीं आया है एल्यूमिनिम के बर्तन 200 रुपये के भाव है वही स्टील के बर्तन क्वालिटी के हिसाब से पहले 130 से 200 रुपये प्रतिकिलों के भाव थे। अब 150 से 175 रुपये किलो के भाव है (25 से 30 रुपये किलों की मंदी) पुराने माल में रविवार को धनतेरस हे साराफा बाजार और बर्तन बाजार सज गया है माल का स्टाक व्यापारियों ने कर लिया है तथा व्यापारियों को उम्मीद है इस वर्ष धनतेरस पर अच्छा व्यापार होगा क्योंकि पहले की अपेक्षा भाव घटे है। आज फुरसत ने सराफा व्यापारी रविन्द्र रांका, अवधनारायण सोनी से सोना चांदी के भाव तेजी मंदी के बारे में जानकारी ली तो मंदी का रूख बना हुआ है 3 दिन में सोना लगभग 1 हजार रुपये घटा (प्रति 10 ग्राम में) वहीं चांदी भी एक हजार रुपये घटी है (प्रति किलो) अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी के भावों में मंडी का वातावरण बना हुआ है। सराफा व्यापारी रविन्द्र रांका ने आज फुरसत को बताया कि आज 25 अक्टूबर को सोना प्रति 10 ग्राम 12 हजार 500 तथा चांदी 17400 रुपये किलो के भाव रहे। घटे भाव में भी सराफा दुकानों पर दोनों कीमती धातुओं की ग्राहकी का अभाव बना हुआ है।