आष्टा 25 अक्टूबर (सुशील संचेती) जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस पिछले कई चुनावों से हारती आ रही है खबर है कि कांग्रेस ऐसी लम्बे समय से हारनेवाली सीटों पर नये चेहरों को मैदान में उतारने की योजना बनाकर नये चेहरों को एक बार जीत के लिए मौका देना चाहती हैँ अगर ऐसा कांग्रेस करती है तो आष्टा विधानसभा सीट ऐसी श्रेणी में आती है क्योंकि आष्टा से कांग्रेस पिछले 4 चुनावों से हारती आ रही है।
इस खबर के आते ही आष्टा विधानसभा सीट से जो नये चेहरे अपनी दावेदारी जी जान से कर रहे है उनके लिए निश्चित यह आई खबर दीपावली के शुभ मोहर्त में खुशी लेकर आई है लेकिन क्या आई उक्त खबर अमली जामा पहन पायेगी इसको लेकर शंका-कुशंका भी व्यक्त की जा रही है। इस खबर से निश्चित पिछले 4 चुनावों में कांग्रेस के जो उम्मीदवार हारे है जिसमें बापूलाल मालवीय और अजीतसिंह शामिल है उनको झटका लग सकता है वही नये चेहरोें के लिए जिसमें गोपालसिंह इंजीनियर, घनश्याम जांगडा, एच.आर. परमाल, बंशीलाल धनवाल, जगदीश चौहान आदि के लिए खुशखबरी किसी ना किसी के लिए हो सकती हैँ जब से म.प्र. में चुनाव की सरगर्मी शुरु हुई है तभी से लेकर कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के लिए एक नहीं अनेको मापदण्ड कई बार बनाये हर बार नये मापदंड की खबर आई इससे ऐसा भी लगता है कि कही नये चेहरों का जो मापदण्ड चर्चा में आया है उसकी हवा नहीं निकल जाये। अभी प्रत्याशी की घोषणा हुई ही नहीं है लेकिन खबर है कि कांग्रेस का एक दावेदार गोपालसिंह इंजीनियर आष्टा क्षैत्र में ग्रामों में भ्रमण कर ग्रामीणों से मिलना जुलना जिसे जनसम्पर्क भी कह सकते है शुरु कर दिया है। गोपालसिंह का ग्रामों में पहुंचकर ग्रामीणों से मिलना कही ऐसा तो नहीं की उन्हें ऊपर से दूसरा मिल गया हो कि आप क्षेत्र देखे वही अभी अन्य दावेदार अजीत सिंह, घनश्याम जांगड़ा, एच.आर. परमाल ने हिम्मत नहीं हारी है वे भी सतत नेताओं के सम्पर्क में है तथा प्रयास में लगे है कि इस बार हमें मौका दिया जाये।
स्मरण रहे आष्टा विधानसभा क्षेत्र पर पिछले 18 वर्षो से भाजपा का कब्जा है इस दौरान 4 बार विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के दो-दो उम्मीदवार बाबूलाल मालवीय, अजीतसिंह को हार का मुंह देखना पड़ा है वही 4 चुनाव से इस विधानसभा क्षेत्र से नन्दकिशोर खत्री, रंजीतसिंह गुणवान (दो बार) रघुनाथसिंह मालवीय जीते है।