धोलो-धोलो जी दोनो हाथ,
संवर जाए जिंदगानी।
मानो-मानो जी हमारी बात,
सुधर जाए जिंदगानी॥
बीमारी से बचना है तो नेक सलाह ये माना,
खुद समझो, समझाओ औरन को महिमा इसकी जानो।
स्वस्थ्य जीवन को यो ही आधार,
सुधर जाए जिदंगानी॥
धोलो-धोलो......
नाखुन धोलो, उंगरिया धोलो, दोनो हथेली साथ,
भोजन करवे से पहले, भोजन करवे के बाद।
ई के बिना नहीं होवे उध्दार,
सुधर जाए जिदंगानी॥ धोलो....
बात न मानी गर हमने तो इक दिन हम पछताएंगे,
गंदे हाथों से भोजन कर हम रोगी हो जायेंगे।
जरा ने कर लो विचार,
सुधर जाए जिदंगानी॥ धोलो....
स्वच्छता में ईश विराजे, धन दौलत नित आवे,
गंदगी हो रही जहाँ पर समृध्दि हट जावे॥
ई की महिमा है अपरंपार,
सुधर जाए जिंदगानी॥ धोलो....
हरिनारायण शर्मा दाऊ
शिक्षक, दीनदयाल नगर, सीहोर