सीहोर 4 अक्टूबर (नि.सं.)। तीन शासकीय कर्मचारियों को लापरवाही करना उस समय महंगा साबित हुआ जब इसके बदले उन्हें निलम्बन आदेश थमा दिए गए। इसके अलावा एक सहायक कोषालय अधिकारी को वेतन वृध्दि से हाथ धोना पड़ा।
पोस्ट मेट्रिक अनुसूचित जाति छात्रावास सीहोर के अधीक्षक श्री मेहरबान सिंह जांगडे को निलम्बित कर दिया गया है। कारण श्री जांगडे बिना सक्षम अधिकारी के अवकाश का लाभ उठा रहे थे। तहसील बुधनी के नाजिर इस कारण निलम्बित किए गए कि उन्होंने कैश बुक के संधारण में लापरवाही बरती। नाजिर के सहायक श्री संतोष सिसौदिया भी निलम्बन से नहीं बच पाए। श्री सिसौदिया कोर् कत्तव्य स्थल से बिना अनुमति गायब रहने के चलते सस्पेंड कर दिया गया।
जिला कोषालय के सहायक कोषालय अधिकारी श्री ललित कुमार बिजलानी को प्रतिफल की अपेक्षा ले डूबी। श्री बिजलानी को एक जांच कार्य सौंपा गया था जिसमें उन्होंने लापरवाही तो बरती ही साथ ही प्रतिफल की अपेक्षा भी की जिसके चलते उन्हें वेतन वृध्दि से हाथ धोना पड़ा।
जता और बता का समीकरण
इस कार्यवाही ने यह जता और बता दिया कि कलेक्टर श्री डी.पी.आहूजा केवल निर्देश ही जारी नहीं करते बल्कि उनका पालन कराना भी उन्हें बखूबी आता और भाता है। गौरतलब है कि श्री आहूजा द्वारा पिछले दिनों विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए थे जिनमें शासकीय अनुशासनात्मक नियमों का पालन करने की सख्त ताकीद की गई थी। जारी निर्देशों में उन हिदायतों का भी खास खुलासा किया गया था जिनका शासकीय कर्मचारी को ध्यान रखना होता है। दिशा निर्देशों में मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के हवाले से उन सभी सरकारी तौर तरीको का पालन करने की ताकीद की गई थी जो एक लोक सेवक द्वारा आवश्यक रूप से पालन किए जाते हैं। निलम्बन की इस कार्यवाही से यह जाहिर हो चुका है कि कलेक्टर श्री आहूजा ने सरकारी महकमों में सुधार का मन बना लिया है।