राय समर्थकों ने आतिशबाजी चलाई, मिठाई बांटी, आज विशाल जुलूस, स्टे की कापी आज सौंपेंगे
सीहोर 1 सितम्बर (नि.सं.)। नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर विगत सप्ताह भर से जो असमंजस की स्थिति बनी हुई थी अंतत: आज माननीय उच्च न्यायालय से कुछ हद तक स्पष्ट हो गई। मध्य प्रदेश शासन द्वारा राकेश राय को अध्यक्ष पद से हटा दिये जाने के निर्णय पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की खण्डपीठ ने आज स्टे दे दिया है।
यह खबर आते ही राय समर्थकों में खुशी छा गई, उन्होने आतिशबाजी चलाकर खुशी मनाई और मिठाई बांटी। उधर स्वयं राकेश राय अभी जबलपुर से सीहोर के लिये रवाना हो गये हैं और स्वयं जिला प्रशासन को स्टे सौपेंगे। कल ही नगर में एक विशाल स्वागत जुलूस भी निकलेगा।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय के खिलाफ 9 पार्षदों के एक शिकायती पत्र तथा उपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया द्वारा भी एक शिकायत पत्र राय शासन को प्रस्तुत किया गया था। जिसमें राकेश राय की कार्यप्रणाली तथा उनके द्वारा की गई विभिन्न अनियमितताओं का वर्णन करते हुए यह प्रार्थना की गई थी कि इनके मद्देनजर राकेश राय को अध्यक्ष पद से हटाने की कार्यवाही धारा 41 (क) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के अन्तर्गत की जाये। जिसमें प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा उपरोक्त धारा के तहत नगर पालिका अध्यक्ष पद से राकेश राय को पृथक किया गया था।
इसके पश्चात धारा 37 (2) में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए अशोक सिसोदिया उपाध्यक्ष नगर पालिका सीहोर को अध्यक्ष की समस्त शक्तियाँ तथा कर्तव्यों का पालन करने के लिये नाम निर्दिष्ट किया गया था।
लेकिन अशोक सिसोदिया के अध्यक्ष बन जाने के बावजूद यह बात लगातार चर्चाओं में बनी हुई थी न्यायालय से मामले में स्टे लेकर आया जायेगा।
उधर एक रात देर तक विधायक रमेश सक्सेना निवास पर हुई बैठक और दूसरे ही दिन सुबह से जबलपुर में इसी मामले में एक साथ दो तरफा वकील खड़े किये जाने की चर्चाएं चल पड़ी थी। शासन द्वारा पहले से अपना पक्ष नहीं रखने की बात तो चल ही रही थी लेकिन विधायक जी अनुभवों को कोई भी कमतर नहीं आंक रहा था।
यह भी माना जा रहा था कि तत्काल अशोक सिसोदिया को अध्यक्ष बनवाया जाने के पीछे यही बात है कि माननीय उच्च न्यायालय स्टे यथा स्थिति का देगा तो भी अध्यक्ष तो सिसोदिया ही रहेंगे। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार का स्टे तो मिल भी रहा था जिसे राकेश राय के वकीलों ने नहीं लिया । सूत्रों का कहना है कि राकेश राय की तरफ पूरे प्रदेश के सबसे नामचीत वकीलों ने एक साथ खड़े होकर दलीलें दी तब आज उनके पक्ष में माननीय न्यायालय की खण्डपीठ ने निर्णय दिया। स्टे इस बात पर मिला है कि जो मध्य प्रदेश शासन ने आदेश दिया है उसे निरस्त किया जाये और पूर्ववर्ती स्थिति कायम रहे।
आज इस संदर्भ में जब राकेश राय से फुरसत ने बातचीत की तो उन्होने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि जनता के आशीर्वाद से हमें स्टे तो मिल गया है, उन्होने कहा कि मैं जबलपुर ही हूँ, कल सीहोर में इसे पेश किया जायेगा और आगे की कार्यवाही होगी।
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