आष्टा 1 अगस्त (नि.सं.)। धर्म कथा, प्रवचन जिनवाणी आदि सभी सुनते हैं लेकिन जो सुनते हैं वे अपने-अपने हिसाब से ग्रहण करते हैं कई ग्रहण नहीं करते हैं, सम्यक दृष्टि जीव सोचता है किसी को भी दुख कष्ट ना होवे वहीं जो मिथ्या दृष्टि जीव होता है उसकी सोच होती है दुख दूं कष्ट दूं, जो इंसान भला होता है वो भलाई ही करता है जो बुरा होता है उसके विचारों में बुरा ही बुरा होता है।
खेत में जिस प्रकार बीज बोया जायेगा वो वैसा ही उगेगा और उसके जो गुण हैं वैसा ही स्वाद देगा जबकि सभी बीजों को पानी एक जैसा ही मिलता है गन्ना कितने कष्ट उठाता है उसके बाद भी जब उसका रस पियो तो मीठा, गुड़ बनाओ तो मीठा और शक्कर बनाओ तो स्वाद मीठा ही होता है।
उक्त उद्गार पूय साध्वी मधुबाला जी म.सा. ने अपने प्रवचन में कहे। उन्होने कहा कि गन्ना स्वाद मीठा देता है तो प्याज खाने से बदबू ही आयेगी, व्यक्ति के अपने हाथ में है की उसे कैसा बनना है कैसा जीना है ? महाराज साहब ने कहा कि सभी दानो में अभयदान श्रेष्ठ दान है। जिनवाणी को सुने और जीवन को सुन्दर बनाने के लिये जीवन में उतारे। सुनीता जी म.सा. ने कहा कि तप तभी फलदायी और बलदायी होगा जब उसे जप के साथ किया जाये। आज तेले की लड़ी में सुनील संचेती ने तेला करने वाले श्रावक मोहित पारख का सम्मान किया।
अखंड जाप शुरु- पूय आचार्य सम्राट 1008 श्री आनन्द ऋषि जी महाराज साहब की जन्म जयंती पर आज 1 अगस्त से 72 घंटे का महावीर भवन में अखण्ड नवकार मंत्र का जाप शुरु हुआ। 2 अगस्त को गुणानुवाद सभा होगी एवं 3 अगस्त को दया व्रत की तपस्या का कार्यक्रम महावीर भवन में रखा गया है।
सिध्दि भक्ति तप शुरु- 1 अगस्त से 25 दिनो तक चलने वाला सिध्दि भक्ति तप की आराधना भी आज से पूय म.सा. की निश्रा में आज से शुरु हो गया।
गंज मंदिर में हुए जाप- आगमोद्वारक आचार्य देवश्री सागरानंद जी (आनन्द सागर जी) के जयंती पर आज प्रात: गंज महावीर स्वामी मंदिर में नवकार मंत्र के जाप, गुरुवंदना, गुरुपूजन, आरती आदि के कार्यक्रम सम्पन्न हुए। श्रीमति बेला सुराना ने भक्ति भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन पवन सुराना ने तथा सभी का आभार महावीर स्वामी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नगीन जैन एडवोकेट ने व्यक्त किया। यहाँ पर बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे। समापन पर श्रीफल की प्रभावना वितरित की गई।
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