सीहोर 31 जुलाई (नि.सं.)। शहर के निकट इछावर मार्ग पहाड़ी पर भैंसासुर बाबा का स्थान है। यहाँ पर यादव समाज पूर्वजों द्वारा भैंसासुर बाबा की पूजा करते चले आ रहे हैं। यादव समाज के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिक पूजा करते हैं एवं कथा भी कराते हैं बताया गया है कि हरियाली अमावस्या के ठीक एक दिन पहले चौदस के दिन भैंसासुर बाबा की पूजा की जाती है।
इस दिन पानी कहीं गिरे या न गिरे पर पहाड़ी पर बाबा नहाने के लिये अपनी शक्ति से पानी गिरा लेते हैं। यही चमत्कार देखने कई ग्रामीण के नागरिक माता-बहने अपने कष्टो को लेकर आती है और बाबा के दरबार में अपनी पुकार लगाती हैं।
बाबा बोलते नहीं है इशारे में काम करने का वचन देते हैं। बाबा के सारथी बाबा की बात समझते हैं। बाबा क्या-क्या करने को कहते हैं, सारथी पुकार लगाने वाले रोगी को बता देते हैं। जब रोगी का कष्ट दूर हो जाते हैं । दूसरे वर्ष वह रोगी खुशी-खुशी बाबा के दर्शन करने व प्रसाद चढ़ाने आते हैं। यहाँ पर भैंसासुर बाबा की पूजा यादव समाज कई वर्षों से कर रहे हैं। यादव समाज के नागरिक ढोल-ढमाकें के साथ भैंसासुर बाबा की पूजा करते हैं। समाज के पटेल चन्द्र प्रकाश यादव, जमना प्रसाद यादव, राधेश्याम यादव, हरदयाल यादव, नारायण यादव, प्यारे यादव, सुरेश यादव, सेवा यादव, घनश्याम यादव, दिनेश यादव, चम्पालाल यादव, पड़ा राजू यादव, दीपक यादव, गणेश यादव, प्रमोद यादव, जिमी यादव, सीताराम यादव, कैलाश यादव, मटरु यादव, दीपक यादव, रजेश यादव, इशोक यादव, लखन यादव, राकेश यादव सहित ग्रामों से भैयालाल यादव, रघुवीर यादव, राजाराम यादव, कमल यादव, मनोज यादव, नंदकिशोर यादव सहित अनेक स्वजाती बंधु भैंसासुर बाबा की पूजा में शामिल हुए।
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