Sunday, August 3, 2008

गांव की रक्षा व पशुओं में कोई बीमारी न फैले इसके लिये अमावस्या पर किया प्रयोग

जावर 2 अगस्त (नि.प्र.)। वर्षों पुरानी परम्परा का निर्वहन खजूरिया जावर के लोग आज भी उत्साह से कर रहे हैं। खजूरिया में हरियाली अमावस्या पर शुक्रवार को विशेष पूजा का आयोजन किया गया जिसमें पूरे गांव के लोग शामिल हुए। इस दौरान पूरे गांव में धारदार औजारों पर प्रतिबंध रहा गांव में चूल्हे भी नहीं जले और चक्की भी नहीं चली।
उक्त आयोजन को देखते हुए गांव में एक दिन पूर्व ही मुनादी फिरवा दी गई थी। इस कारण लोगों ने एक दिन पहले ही अपने मवेशियों के लिये घांसकाट कर रख लिया था हर वर्ष हरियाली अमावस्या उक्त आयोजन किया जाता है। गांव के सभी पशुओं को एक जगह इकट्ठा कर लिया गया है और फिर बंधन किये वाले रास्ते से निकाले गये और गांव के कांकड़ तक ले जाया गया।
बंधन किये रास्ते से गांव के पशुओं को निकालने के बाद दो दिन के लिये बंद कर दिया गया। वापस शाम को शु घर आये तो दूसरे रास्ते से निकाले गये। उक्त दो दिन बाद पुन: खोल दिया जायेगा। ग्राम के प्रहलाद सिंह पाटीदार ने बताया कि ग्राम की सुरक्षा सुख-समृध्दि और मवेशियों की रक्षा के लिये हर वर्ष हरियाली अमावस्या पर इस तरह का आयोजन किया जाता है। यदि कोई इस बंधन के लिये बनाये गये नियम का उल्लंघन करता है तो उसे सजा के तौर पर पूजन सामग्री में जो खर्चा आता है वह राशि का हर्जाना भरना पड़ता है। गांव में इस विशेष पूजा की तैयारी एक सप्ताह पहले शुरु कर दी जाती है। पूजन सामग्री के खरीदने के लिये सभी घरों से दस रुपये प्रति घर के हिसाब से चंदा लिया गया। गुरुवार की रात से ही किसी भी घर में भोजन नहीं बना और न ही चूल्हा जला।
शुक्रवार सुबह चार बजे ग्राम के पटेल राजेन्द्र सिंह ने खेड़ापति हनुमान मंदिर पर पहुँचकर पूजा की। इसके बाद दो घड़ो में अलग-अलग दूध व नीर भरकर गांव की सीमा के आसपास बांट दी गई। खेड़ापति हनुमान मंदिर पर भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया था। गांव की सीमा के भीतर सभी देव स्थानों पर पूजा अर्चना के बाद नारियल चोला अगरबत्ती और ध्वजा चढ़ाई गई। इस विशेष बंधन के संबंध में ग्राम के सरपंच बालाराम ने बताया कि यह हमारे गांव में यहाँ परम्परा कई सालों से चली आ रही है जिसका निर्वाह सभी लोग करते हैं यदि कोई व्यक्ति बनाये गये नियमों तो तोड़ता है तो उसे उसका हर्जाना देना पड़ता है।
सुख समृध्दि को लेकर किया जाता है उक्त आयोजन
ग्राम के सजन सिंह और राघो दास बैरागी ने बताया कि हर वर्ष हरियाली अमावस्या पर यह आयोजन इसलिये करते हैं कि गांव के मवेशियों में कोई किसी प्रकार की बीमारी ने फैले दूसरा गांव में कोई प्राकृति आपदा न आये और सभी ग्रामीण खुशहाल रहें। इसके लिये इस आयोजन के माध्यम से ईश्वर से प्रार्थना की जाती है।


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