Sunday, August 3, 2008

कलेक्टर ने एक अधिकारी की जमकर लू उतारी.......

आष्टा 2 अगस्त (नि.सं.)। पिछले 4-5 दिन से आष्टा नगर एक अतिक्रमण कर धर्म स्थल के निर्माण को लेकर बड़ी विकट स्थिति में था। स्थिति विकट थी उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कलेक्टर को आष्टा आना पड़ा और दोनो समुदायों के प्रतिनिधि मंडलों से लगभग 2 घंटे चर्चारत रहना पड़ा लेकिन कलेक्टर ने केवल प्रतिनिधि मंडल से चर्चा ही नहीं की।
उनके अनुभवों ने एवं पारखी नजरों ने अधिनस्थों से एवं कार्यस्थल को देखने के बाद ही समझ लिया कि इस तनाव का जिम्मेदार कौन से अधिकारी हैं क्योंकि जहाँ निर्माण कार्य हुआ वो कोई 1-2 दिन में ही खड़ा नहीं हो सका था। खबर है कि दोनो समुदायों की बैठक के बाद कलेक्टर ने इस मामले में अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग देने या जानबूझकर धृतराष्ट्र बनने वाले एक अधिकारी को विश्राम गृह पर बुलाया उसकी जो लू उतारी शायद ऐसी लू उनकी नौकरी के कार्यकाल में शायद ही कभी किसी ने उतारी हो।
जिस अधिकारी की लू उतारी गई है अब वो अकेला पड़ गया है तथा उसे तरह-तरह के कारणों से चिंता सता रही है कल के बाद से ही उक्त अधिकारी का चेहरा तो उतारा हुआ है ही साथ ही आज तो दिनभर उसका काम में मन ही नहीं लगा है। स्मरण रहे उक्त अधिकारी के कारण पहले भी आष्टा में कई वाद-विवाद तथा जिस संस्था के वे प्रमुख हैं उस संस्था में तत्कालिक पूर्व कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह भी उनकी जमकर लू उतार चुके हैं। ऐसा लगता है इन अधिकारी महाशय के नक्षत्र अच्छे नहीं चल रहे हैं।


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