Thursday, July 17, 2008

दो साल से जहां खेती नहीं हुई उस जमीन का भी मुआवजा बांटा

आष्टा 16 जुलाई (नि.सं.)। समीपस्थ ग्राम बिजौरी में पटवारी हल्का नं. 39 के पटवारी द्वारा मुआवजा के चैक वितरण में गंभीर अनियमितताएं की जा रही है। एक समान भूमि एक ही फसल के आसपास लगे खेतों की फसल की मुआवजा राशि में जमीन आसमान का अंतर है। पटवारी ने आंकल गलत किया है ऐसा आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
ग्राम बिजोरी के ग्रामीणों ने कल एक ज्ञापन में शिकायत की है कि जब सड़क किनारे के दो खेतों में कटाई चल रही थी तो पंचनामा बनाकर दस्तखत करवाकर पटवारी ले गये थे। अपने कमीशन के चक्कर में पटवारी कृषकों को अपने घर बुलाकर चैक बांट रहे हैं। एक कृषक के खेत में वास्तविक फसल बोई गई थी उसे मात्र 2400 रुपये का चैक मिला और दूसरी तरफ जिसने खेत में एक दाना भी नहीं बोया था उसे 7500 रुपये का चैक दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि एक ऐसे कृषक को भी चैक दिया गया है जिसके पास जमीन ही नहीं है।
पटवारी ने 5 एकड़ के खेत का मुआवजा एक कृषक को 3500 रुपये तथा वहीं दूसरे उनके परिचित कृषक को 15 हजार रुपये दिलाया है। मंत्री पेट्रोल पंप के पास न्यायालयीन प्रकरण में उलझी भूमि जो दो वर्षों से खाली पड़ी है का मुआवजा भी पटवारी द्वारा लेन-देन करके भुगतान किया गया है। खसरा-खतौनी की नकल के लिये अनावश्यक चक्कर लगवाते हैं ।
उल्लेखनीय है कि जिले भर से ऐसी शिकायतों का अंबार लगा हुआ है।


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