Thursday, July 17, 2008

सिविल अस्पताल में एक डाक्टर जातिवाद का जहर घोल कर वातावरण दूषित कर रहा

आष्टा 16 जुलाई (नि.प्र.)। आष्टा का सिविल अस्पताल हमेशा किसी ना किसी प्रकार से चर्चाओं में बना रहता है। अब खबर है कि आष्टा सिविल अस्पताल में पदस्थ एक डाक्टर इन दिनों अस्पताल परिसर में जातिवाद का जहर खोलकर अस्पताल का वातावरण दूषित करने में लगा है। इन डाक्टर महाशय का अभी निशाना और कोई नहीं अस्पताल के छोटे कर्मचारियों की और है।
कुछ दिनों पूर्व तो एक छोटे कर्मचारियों को इस डाक्टर ने काफी परेशान किया जब छोटे कर्मचारियों ने इस डाक्टर की शिकायत अस्पताल के प्रमुख से करने का मन बनाया तो इन्हे उस वक्त समझा बुझाकर शांत कर दिया लेकिर पूरे अस्पताल के छोटे-बड़े कर्मचारी इस डाक्टर की उक्त करतूत से अंदर ही अंदर काफी रोष मे है तो वे सभी कर्मचारी किसी ऐसे मौके और मुद्दे की तलाश में है जब इस डाक्टर को अच्छी तरह से मजा चखा कर इसका जातिवाद का भूत उतारे। वैसे इस डाक्टर का एक बार एक छोटे कर्मचारी ने भूत उतार दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह डाक्टर महोदय अपने छोटे-छोटे कर्मचारियों को दबाव में रखकर उनसे कार्य लेना चाहता है कर्मचारी इसके दबाव में और इसके इशारे पर कार्य नहीं करना चाहते हैं उक्त डाक्टर छोटे-छोटे इन कर्मचारियों को बिना कारण के डांटता है कई बार तो असंसदीय भाषा का भी उपयोग कर उन्हे अपमानित करता है जब छोटा कर्मचारी पलटवार करता है तो ये महाशय अपने उन लोगों को अस्पताल में बुला लेता है और दबाव की राजनीति करता है। उक्त डाक्टर की इस हीन हरकत और हथकंडे से अस्पताल का छोटा-बड़ा स्टाफ परेशान है और मौके की तलाश में है।
सिविल अस्पताल के प्रमुख जिला चिकित्सालय के प्रमुख कलेक्टर सीहोर एवं रोगी कल्याण समिति की अध्यक्ष एसडीएम आष्टा को उक्त गंभीर मुद्दे की और शीघ्र नजर कर इसकी गहराई में जाकर जातिवाद का पनप रहा नासूर को जड़ से खत्म करने की और ध्यान दे कहीं ऐसा ना हो की अस्पताल में धीरे-धीरे उक्त डाक्टर के द्वारा फै लाया जा रहा जातिवाद का जहर अस्पताल में कभी कोई बड़ा विस्फोट करा दें जातिवाद के फैला रहे जहर से सभी कहीं ना कहीं परेशान हैं मुँह अभी कोई खोलने को तैयार नहीं है क्योंकि सभी मौके की तलाश में है।


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