Wednesday, June 18, 2008

एक ठेकेदार का गृह प्रवेश क्या हुआ कईयों को मरोड़ उठ रही है (खबर ही तो है)

सीहोर 17 जून (नि.सं.)। कहावत है ना कि दूसरे की थाली में घी यादा ही नजर आता है....बस यही हाल नगर पालिका के ठेकेदारों का भी आपस में रहता है। वह खुद के काम की तरफ तो ध्यान देते नहीं है बल्कि दूसरे किस ठेकेदार को क्या काम मिला है....? उसका कितना भुगतान होगा ? उसे कितना लाभ होगा...? और इससे भी बढ़कर क्या वो काम करेगा या सिर्फ फाईल बनाकर पेश कर देगा...? इन बातों की तरफ ध्यान लगाये रहते हैं।
वर्षों से जमे जकड़े कुछ ठेकेदार इन दिनों राकेश राय कार्यकाल के नये-नये ठेकेदारों से हतप्रभ हैं। नये ठेकेदार ढेर सारे काम कर रहे हैं और पुराने ठेकेदारों को काम ही नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में नये ठेकेदारों की थाली का घी इन्हे यादा दिखने लगा है। अब पिछले दिनों एक ठेकेदार ने अपने नये मकान का गृह प्रवेश कार्यक्रम किया और बड़ी पार्टी भी अपने मिलने-जुलने वालों को दी। इसका गृह प्रवेश हुआ और अन्य ठेकेदारों के पेट में मरोड़ उठने लगी है। यह मरोड़ समय बीतने के बाद भी खत्म नहीं हो रही है। वह आये दिन चर्चा करते नजर आते हैं कि कैसे उस गृह प्रवेश करने वाले ठेकेदार ने काम किये हैं....मरोड़ तो मरोड़ हैं देखते हैं कब तक शांत होती है।