आष्टा 17 जून (सुशील)। 6 माह पूर्व आष्टा में पूंजीपतियों में आष्टा तथा आसपास सड़क किनारे जमीनों को खरीदने की ऐसी होड़ लगी थी कि जमीनों के भाव अचानक दुगने बोले जाने लगे थे।
जमीनों में निवेश करने में आष्टा के साथ-साथ सीहोर, इन्दौर, बैरागढ़, भोपाल सहित अन्य स्थानों के पूंजीपति भी आष्टा आकर बिना सोचे समझे पूंजी निवेश करने और रातों रात लखपति बनने में जुट गये थे लेकिन अब पिछले 1-2 माह से आष्टा में तथा इन्दौर-भोपाल रोड, शुजालपुर रोड, कन्नौद रोड व नगर में से जमीनों, मकानों के भाव ऐसे ओंधे मुँह गिरे हैं कि निवेशकों को तो ऊँचे भाव में खरीदी है वहीं कई होशियार पूंजी निवेशकों ने बयाना देकर जमीनों के सौदे कर लिये थे जिस भाव में सौदा कर इन निवेशकों ने बयाना दिये थे अब उक्त जमीनों के भाव 20 से 30 प्रतिशत कम आंकी जाने लगी है। बयाना देने वालों की रजिस्ट्री की समय सीमा कईयों की खत्म हो गई है वे निश्चित समय सीमा में ना ही बयाना वाली जमीन किसी अन्य को बेच सके और समय भी निकल गया। ऐसे कई मामलों में पूंजी निवेश कर कमाने के चक्कर में कईयों के लाखों डूब गये हैं। खबर है कि कईयों के लाखों के बयाने डूबने की कगार पर हैं नगर में यह भी चर्चा है कि एक नया-नया प्रापर्टी डीलर दलाल जिसने तेजी से लाखों कमा लिये थे अब मंदी से एक खोके के घाटे में है वहीं कई प्रापर्टी के दलाल जो दलाली कर आराम से दाल रोटी खा रहे थे अचानक दाल-बाटी-चूरमा के चक्कर में वे भी कई जमीनों के बयाने देकर उलझ गये हैं और अब सिर पीट रहे हैं । सबसे अधिक भाव इन्दौर-भोपाल सड़क की जमीन के फोर लेन के कारण बढ़े थे यहाँ सीहोर-आष्टा-भोपाल बैरागढ़ के पूंजीपतियों ने पूंजी निवेश कर दिया था कईयों ने केवल बयाने दिये थे बयाना लाखों का डूब गया है जिन्होने रजिस्ट्री जमीन की करा ली थी वे मंदी के कारण परेशान घाटे में है जमीन मकान, प्लाट आदि की दलाली का कार्य करने वाले प्रापर्टी दलाल निर्मल देशलहरा से जब चर्चा की तो उन्होने बताया कि आष्टा में प्रापर्टी के भावों में 20 से 30 प्रतिशत भाव गिरे हैं। कईयों को लाखों का नुकसान हुआ है और अब पूंजी निवेश करने वाले जमीनों की और निगाह भी नहीं कर रहे हैं हमारा दलाली का काम भी काफी मंदा हो गया है।