सीहोर 16 जून (नि.सं.)। जिले में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली के शिकार, परिवहन और उसके विय तथा विनियम पर तत्काल रोक लगाई गई है।
इस सिलसिले में सहायक संचालक मत्स्योद्योग भरत मेहरा द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। मध्य प्रदेश मत्स्योद्योग अधिनियम 1948 की धारा 3 के अंतर्गत बनाए गए म.प्र. नदीय मत्स्योद्योग नियम 1972 की धारा 3 एवं उपधारा 2 के तहत जारी इस अधिसूचना के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति जिले के किसी भी तालाब, नदी या अन्य जलाशयों में मछली का शिकार नहीं करेगा।
इसके अलावा मछली के परिवहन, विय एवं विनियम को भी प्रतिबंधित किया गया है। उक्त अवधि में नियम अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित जल क्षेत्र से मछली मारने, परिवहन करने या विय करता पाए जाने पर 5 हजार रूपये के जुर्माना या एक वर्ष की कैद अथवा दोनों ही प्रकार के दण्ड से दण्डित किया जाएगा।
अधिसूचना के माध्यम से जन साधारण को सूचित किया गया है कि इस अवधि के दौरान किसी प्रकार से मछली का शिकार न तो स्वयं करे और न ही इस कार्य में किसी प्रकार का सहयोग दें।
गौरतलब है कि 16 जून से 15 अगस्त तक (वर्षा गतु) की अवधि मछलि का प्रजनन काल होता है जिसे देखते हुए इसे बंद गतु (क्लोज सीजन) घोषित किया गया है। इस अवधि में सभी प्रकार का मत्स्याखेट, मत्स्य परिवहन, मछली का य-विय पूर्णत: निषेध है।