Tuesday, June 17, 2008

मुख्यमंत्री की घोषणाएं मजाक बन गई है कैलाश परमार

सीहोर 16 जून (नि.सं.)। मध्यप्रदेश में काबिज भारतीय जनता पार्टी की सरकार के घोषणावीर मुख्यमंत्री श्री चौहान की जनता को लुभाने की कला की अब मध्यप्रदेश में कलई खुलने लगी है । हर मोर्चे पर विफल भारतीय जनता पार्टी के मुंखिया को अब पता चल चुका है कि जनता झूठे झांसों में नही आयेगी और भाजपा की करारी पराजय होगी जिसे ध्यान में रखकर जनता को छलने के लिये घोषणाओं पर घोषणाएं की जा रही है । जिसका जमीनी हकीकत से कोई सरोकार नही है । जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की काम करने की शेली झूठ बोलो, झठाझठ बोलो की है । जनता को लुभाने के लिये गत माह पूरे प्रदेश में लाखों करोड़ो रुपयों का अपव्यय कर मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना चालू की थी जिसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले कार्ड धारी परिवारों को प्रतिमाह चार किलो चावल 4.50 रुपये प्रति किलोग्राम में देने की घोषणा की थी । उक्त योजना का क्रियान्वयन होने का समय आया तो राशन दुकानों से चावल ही गायब हो गया । इसके पश्चात चावल को देना बंद कर गेहूं बढ़ा दिया गया । जिससे गरीब की थाली से चावल गायब हो गया वहीं घोषणाबीर मुख्यमंत्री की घोषणाओं का अंदाजा लग गया । श्री परमार ने कहा कि गरीब परिवारों के अधिकांश लोग सहकारी राशन दुकान से शासकीय दर पर सामान खरीदते है जिससे उनके परिवार का पालन-पोषण होता है । उसमें भी भाजपा सरकार ने अपनी दोहरी नीति का प्रयोग कर गरीब को भूखा रखने के लिये माह में तीन दिन राशन की दुकानें खोलने का तुगलकी निर्णय जारी कर दिया है । जिससे आर्थिक बोझ से दबे गरीब परिवारों को अब इस निर्णय के तहत भूखा सोने पर मजबूर होना पड़ेगा । श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत मजदूरों को रोजगार नही दिया जा रहा है । और केन्द्र सरकार द्वारा दी गई राशि का भाजपा सरकार भारी दुरूपयोग कर रही है । किसानों की बोनी का समय है परंतु उन्हें खाद-बीज उपलब्ध नही हो पा रहा है । जिससे किसानों को भारी आर्थिक हानि हो रही है ।