सीहोर 20 जून (विशेष सं.)। नगर पालिका में हुए कार्यों में कितना भ्रष्टाचार हुआ है इसकी जांच करने भोपाल से आये स्थानीय नगरीय निकाय के अधीक्षण यंत्री जी.के.श्रीवास्तव व उनकी 8 सदस्यीय टीम ने जब पिछले दिनों सीहोर नगर का दौरा किया तो वह अचरज से भर गये। स्वयं श्रीवास्तव ने सडक़ों को देखते ही कह दिया कि यह एक दम घटिया बनी है, कुछ जगह निर्माण कार्य के फर्जी बिल देखकर वह नाराज नजर आये तो कुछ गुणवत्ता का अति निम् देखकर आश्चर्य में डूबे दिखे। नगर पालिका सीहोर के सारे कामों के वहीखाते और आवश्यक कागजात तो श्रीवास्तव अपने साथ जप्त करके ले ही गये हैं बल्कि चार सदस्यों को यहाँ कागजों की जांच पड़ताल करने के लिय भी छोड़ गये।
इस घटना के साथ ही जिन 13 पार्षदों की शिकायत पर जांच शुरु हुई है वह खुश नजर आ रहे हैं लेकिन उन ठेकेदारों की हवाईयाँ उड़ रही हैं जिन्होने लम्बे घोटाले किये हैं। जांच दल ने क्या-क्या किया इस लगातार सिलसिलेवार क्रम फुरसत के पाठकों तक पहुँचेगा ताकि जनता जनार्दन को भी पता चले कि जो निर्माण हुए हैं वो कितने घटिया और निम्न स्तर के हुए हैं। जांच दल की पहले दिन कार्यवाही पर डालिये एक नजर.............।
वो बुरी तरह घबरा गये,
कैमरा चालू रहा
गत रविवार 15 जून को सुबह से ही भोपाल से अधीक्षण यंत्री स्थानीय नगरीय निकाय जी.के.श्रीवास्तव अपनी 8 सदस्यीय जांच दल के साथ सीहोर नगर पालिका में आ गये थे। इनके आने की गूंज इतनी तेज उठी थी कि नगर पालिका के सारे कर्मचारियों-अधिकारियों और इससे जुड़े ठेकेदारों व संबंधित पार्षदों के हाथ-पाँव फूल गये थे। जब श्री श्रीवास्तव ने यहाँ उन सारे 13 पार्षदों को बुलवाया जिन्होने शिकायत की थी तो पार्षद भी अपने ताम-झाम के साथ पहुँचे। पार्षदों के साथ एक कैमरा वाला भी मौजूद था ताकि कल को जांच में आये तथ्य और अन्य बातें सारी गायब कर दी जायें तो कैमरे में रिकार्ड मौजूद रहे। जांच दल अधिकारी श्री श्रीवास्तव ने यहाँ सारे फाईलें पार्षदों के सामने ही बुलवाई उन्हे थोड़ी देर देखा और अपने अधिनस्थों से उसकी जांच करने को कहा। इसके बाद पार्षदों से पूछा गया कि जिन सड़कों व नलकूपों की शिकायत आपने की है उनकी जांच के स्थान आप दिखा दें ताकि वहाँ जांच की जा सके।
वो काम देखने गये,
यह फाईल टटोलते रहे
इसके बाद जांच दल और पार्षदों का दल एक साथ नगर में विभिन्न स्थानों पर पहुँच गया और इधर जांच दल के 4 सदस्यों को नगर पालिका में अन्य महत्वपूर्ण फाईलों को देखने और संग्रहित करके भोपाल ले चलने के लिये छोड़ दिया गया। इस दिन विशेष रुप से परिषद की बैठक का रजिस्टर और खास कर अध्यक्षीय समिति जिनमें अध्यक्ष और उनके खास 5 पार्षद शामिल रहकर तरह-तरह के निर्णय कर लेते हैं और फिर काम शुरु हो जाता है उसका रजिस्टर भी जप्त कर लिया गया।
अध्यक्षी समिति का रजिस्टर भी ले गये
सूत्रों का कहना है कि अध्यक्षीय समिति जितने निर्णय ले सकती है उसकी अपेक्षा बहुत अधिक निर्णय लिये गये हैं जो नियम में नहीं आता है। विषय के अनुसार नये विषय जोड़े जाते हैं लेकिन यादा ही नये विषय जोड़ लिये गये हैं और काम हो गये हैं इसकी भी जांच की जायेगी।
सड़क देखते ही बोले इसमें जांच
करने लायक बचा क्या है?
उधर जांच दल अधिकारी श्री जी.के.श्रीवास्तव, ए.जी.खान के नेतृत्व में जब सबसे पहले वार्ड 11 पार्षद मीना सतीश दरोठिया के यहाँ सुदामा नगर पहुँचा और वहाँ बनी एक गली के सीमेंटीकरण को देखा तो अचरज से देखता रहा।
जरा-सी गली का निर्माण 1 लाख 60 हजार रुपये के लगभग में होना दर्शाया गया था जिसमें सीमेंट के नीचे बैस डला ही नहीं था सीधे मिट्टी के ऊपर सड़क बना दी गई थी। और जब श्रीवास्तव ने एक कोने पर हाथ लगाया तो सीमेंट की बनी सड़क का कुछ अंश हाथ में ही आ गया। मोटाई बहुत कम थी। इस दौरान यहाँ जनता की भारी भीड़ एकत्र हो गई और वह लगातार कहती रही कि साहब यह सडक़ बहुत खराब बनवाई गई है...। जनता आक्रोश स्पष्ट दिख रहा था।
इस सड़क की जांच क्या करें? पार्षद बोला किसी ने सुनी नहीं
नगर पालिका द्वारा हुए घटिया निर्माण कार्यो की पोल खोलते हुए जांच का यह दल जब यहाँ से सीधे वार्ड 21 हाउसिंग बोर्ड पं.दीनदयाल नगर पहुँचा तो वहाँ सड़क पर उतरने के बाद जांच अधिकारी श्री श्रीवास्तव के मुँह से जो पहले शब्द निकले वह यह थे कि इस सड़क की क्या जांच करें ? सब स्पष्ट नजर आ रहा है। यहाँ वार्ड पार्षद मनोज गुजराती भी आये उन्होने भी जांच अधिकारी से यही कहा कि साहब जब सड़क बन रही थी तब मुझे भी लग रहा था कि खराब बन रही है, मैने ठेकेदार व इंजीनियर से भी कहा था सबसे बोला था लेकिन साहब किसी ने नहीं सुनी। पार्षद ने यह भी कहा कि मैने 4-5 बार शिकायत भी की कुछ मौखिक तो कुछ लिखित में लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई जूं तक नहीं रेंगी। पार्षद की बात गंभीरता से सुनते हुए अधिकारी ने उन्हे आश्वास्त किया की शीघ्र ही जांच के बाद सारी बातें सामने आ जायेंगी। यहाँ निरीक्षण में ही सड़क की गिट्टी उखड़ती देखी गई।
यहाँ घटा रोचक घटनाक्रम
जांच अधिकारी श्री श्रीवास्तव इसके बाद जब वार्ड 17 में जा रहे थे तो वार्ड 15 में प्रेम पहलवान के घर के सामने अचानक उन्होने वाहन रोका। यहाँ बड़ा ही रोचक घटनाक्रम घटा। जनता और अधिकारियों के बीच जो बातचीत हुई और फिर जांच अधिकारी ने क्या निर्णय सुनाया इस पर विस्तार पूर्वक खबर कल प्रकाशित की जायेगी।
और यहाँ सड़क ही गायब हो गई
यहाँ से आगे वार्ड 17 में जब जांच दल गया तो सारे के सारे जांच अधिकारी हक्के-बक्के रह गये ? यह क्या हुआ ? वह जिस सड़क को ढूंढने गये थे वो उन्हे मिल नहीं पा रही थी ? जबकि फाईलों में जो जगह दर्शाई गई थी उसी जगह वह खड़े हुए थे ? आखिर सड़क का क्या है राज और सड़क कहा चली गई ? क्या जमीन खा गई या आसमान में समा गई ? वो बनी तो थी लेकिन गायब कैसे हो गई ? वार्ड पार्षद का क्या है कहना इस संबंध में भी कल जानकारी प्रकाशित की जायेगी। वार्ड 17 में हुए आचरणों को देखकर तो जांच अधिकारी लगभग झल्लाने की स्थिति में आ गये थे, वह पहले आश्चर्य मुद्रा में थे लेकिन बाद में नाराजगी की स्थिति में आ गये थे, वह दुखी भी थे कि गजब के काम हुए हैं। इसके बाद वह काहिरी गये जहाँ उन्होने हाली नसीम के खेत में हुए नगर पालिका के बोर और काहिरी का काम देखा और वह वापस आ गये। जांच अधिकारी श्रीवास्तव ने प्रारंभिक तौर पर यह निरीक्षण किया था और इसके बाद उन्होने पाया कि शिकायत में सत्यता है और 50 प्रतिशत भ्रष्ट आचरण सामने आया है। उन्होने दूसरे ही दिन से लगातार 8-10 दिन तक सीहोर में समस्त सडक़ों, नलकूपों व अन्य कामों की जांच के लिये दल प्रभारी ए.जी.खान को बनाते हुए कहा कि वह कल से जांच करें, पक्के सबूत एकत्र करें, हर जगह पंचनामा बनवाये, जनता और शिकायत कर्ताओं के हस्ताक्षर करवायें। इसके बाद दूसरे दिन जब जांच दल ने उन्ही जगहों पर जाकर बारीकी से जांच शुरु की तो पूरी पोल सामने आ गई। जांच में क्या-क्या सामने आया है, कितने नलकूपों की खुदाई कम हुई है और किस सड़क के नीचे निकला डामर यह जानकारी आगामी अंकों में प्रकाशित हो सकेगी।