Thursday, May 22, 2008

ईमानदारी अभी जिंदा है...

आष्टा। आज के इस युग में कई ऐसे इंसान भी हैं जो थोड़े से रुपयों में अपना ईमान बेच देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि इस युग में ईमानदारी पूरी तरह से खत्म ही हो गई है। ईमानदारी अभी जिंदा है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज आष्टा में एक मसाला चक्की पर देखने को मिला। सेमनरी रोड पर स्थित लक्ष्मीनारायण साहू की मसाला चक्की पर आज कुरावर के मनोहर जायसवाल घर का खड़ा धना पिसवाने आये थे। मनोहर ने उक्त धना मसाला चक्की के मालिक को दिया। मसाला चक्की वाले ने उक्त चक्के को जैसे ही ग्राइण्डर में डाला तो उसमें से एक सोने की रकम रखी हुई डिब्बी निकली जिसमें लगभग 3 तोले का सोने का हार था। उसने उक्त सोने के हार की डिब्बी निकाली और धना पिसाने आये सरपंच पति मनोहर जायसवाल को लौटाई। उक्त डिब्बी देखकर मनोहर जायसवाल आश्चर्यचकित हो गया। बाद में उसने मसाला चक्की मालिक को कुछ ईनाम देना चाहा लेकिन उक्त मालिक ने किसी भी प्रकार का इनाम लेने से इंकार करते हुए उसे धन्यवाद दिया और ईनाम स्वरुप एक चाय पी। उक्त जानकारी मनोहर जायसवाल ने दी।