सीहोर 21 मई (नि.सं.)। हाल ही में भाजपा के 13 पार्षदों ने भाजपा सरकार, विधायक व सांसद से नाराज होकर अचानक भाजपा की सदस्यता से ही इस्तिफा दे डाला है। उनका कहना है कि हमें भाजपा सरकार होते हुए जो मदद मिलना चाहिये, जो काम हमारे वार्ड में होना चाहिये वह नहीं हो रहे हैं लेकिन आज अचानक सारे पार्षदों का रुख ही बदल गया है। वह जहाँ संगठन से नाराज थे अब वह जिला प्रशासन को 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपने पहुँच गये हैं। 13 की यह संख्या पार्षदों को इतनी भा रही है उन्होने 13 सूत्रीय मांग पत्र ही सौंपा है।
इस बार 13 पार्षदों ने कहा है कि सीहोर नगर की पेयजल व्यवस्था के लिये दो पानी की टंकियां जो गंज एवं मंडी क्षेत्र में एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार हो चुकी है जिनके चालू होने से आधे नगर में पानी की सप्लाई की जा सकती है उन्हे तत्काल चालू किया जाये। दूसरा नगर में टेक्टर टेंकर से हो रहे जल प्रदाय में जो भेदभाव किया जा रहा है उसे रोका जावे और प्रत्येक वार्ड में एक टैंकर से प्रतिदिन 7 ट्रीप जल प्रदाय किया जाना सुनिश्चित किया जाये।
तीसरा नगर के प्रत्येक वार्डों में आठ-आठ इंच के दो-दो बोर खनन करवाये जायें।
चौथा सीहोर नगर के गरीबों के नाम गरीबी रेखा सूची में जोड़े जावें जिनका सर्वे कार्य पूरा हो चुका है इसके बाद भी नाम नहीं जोड़े गये हैं उन्हे तत्काल जोड़ा जाये। पाँचवा नगर में रोशनी के लिये विभिन्न क्षेत्रों में स्ट्रीट लाईट नहीं लगी है वहाँ इसकी व्यवस्था की जाये। छटा नगर के प्रमुख चौराहों पर पानी की टंकी रखी जाये। इसके अलावा इन्होने नगर की सफाई व्यवस्था बदतर होती जा रही है उसे सुधारा जाये व वर्षा पूर्व शहर की समस्त नालियों की सफाई की जावे। मुख्यमंत्री के जनदर्शन कार्यक्रम में सीहोर के विकास के लिये जो राशि मंजूर की गई है उसे उपलब्ध कराया जाये। नगर की जल समस्या के स्थाई निदान क लिये कोलार से पानी को सीहोर नगर में लाने के लिये कार्य योजना बनाकर शासन से स्वीकृत कराई जाये। शहर में जहाँ पाईप लाईन नहीं है वहाँ पाईप लाईन डलवाकर जल प्रदाय किया जाये। जमोनिया व भगवानपुरा जलाशय जिससे सीहोर नगर में पानी लिया जाता है उसका गहरीकरण किया जाये। इसी प्रकार शासन द्वारा जो गरीबों को पट्टे देने के लिये सर्वे कार्य किया जा रहा है उसमें भारी गड़बड़ी की आशंका है। उसका पुन: सर्वे कराया जाये जहाँ सर्वे हो रहा है वहाँ के संबंधित वार्ड पार्षद की उपस्थिति में हो। नगर में अभी तक जो 8 इंच के बोर करवाये गये हैं उनकी जांच करवाई जाये क्योंकि उन बोरों में प्रारंभ में 8 इंच एवं बाद में 6 इंच बोर किये गये हैं एवं उनकी गहराई की भी जांच सक्षम अधिकारी द्वारा कराया जाये कि बोर का खनन कितने फिट किया गया है।
इस प्रकार 13 पार्षदों ने उपरोक्त 13 मांगे नगर की विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन को सौंप दी है। इसके पीछे इनकी क्या मंशा है यह तो राम ही जाने।
13 का अंक किसी डंक से कम नहीं...
पश्चिमी परम्परा में 13 का अंक डंक से कम नहीं माना जाता। 13 नम्बर का वहाँ मकान नहीं होता। 13 नंबर की मंजिल नहीं होती। वे मानते हैं कि 13 का अंक शैतानी अंक है। शायद शैतान का बर्थडे हो। इस दिन जो पैदा होता है उसकी डेथ इधर-उधर तक कर दी जाती है वहां। लेकिन पश्चिमी परम्परा वाले भी क्या करें ? हर महिने 13 तारीख आती ही होगी । काल चक्र की बात है। बेचारे गिनती से 13 का अंक निकाल नहीं सकते इसलिये इसे भूले रहते हैं।
हाँ 13 का अंक यहाँ अटल सरकार के लिये अवश्य बड़ा फायदा का हुआ था लेकिन वह प्रारंभ में ही हुआ था। मसलन पहले 13 दिन तक सरकार बनी थी, फिर 13 महिने सरकार चली थी, तेरहवीं लोकसभा में अटल जी की सरकार बनी थी। लेकिन हाय-रे किस्मत 13 मई 2004 को जब रिजल्ट आये तो यही 13 का अंक अशुभ हो गया था।
यूँ तो भारतीय परम्परा के अनुसार यदि 13 के अंक को तेरहवीं से जोड़कर देखें तो हिन्दू परम्परा में इसे भटकती आत्मा की मुक्ति का दिन माना जाता है। सच्चाई क्या है पता नहीं लेकिन ऐसा माना जाता है कि मरने वालों की आत्मा 13 दिन तक यत्र तत्र सर्वत्र भटकती रहती है। हाँ यह अलग बात है कि 13 वे दिन ब्राह्मण भोज के बाद ऐसी भटकती आत्मा का रास्ता मिल जाता है। देखते हैं सीहोर में 13 का अंक पसंद करने वाले भाजपाईयों का भविष्य क्या होता है....?