सीहोर 6 मई (नि.सं.)। देश के पहले स्वतंत्र समर की 150 वीं वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में संस्कार भारती सीहोर द्वारा भव्य और गरिमामयी आयोजन कर 1857 के ज्ञात अज्ञात शहीदों को प्रणामांजली अर्पित करेंगी ।
संस्कार भारती के मध्य भारत के महामंत्री शम्भू दयाल राठौर एवं जिला अध्यक्ष मुकेश सक्सेना ने पत्रकार वार्ता में कार्यक्रम की रूप रेखा घोषित करते हुए कहा कि शहीदों का स्मरण और पवित्र माटी को नमन किया जावेगा ।
पत्रकार वार्ता में बताया गया कि 10 मई को सांय घर-घर दीप जलाकर शहीदों को प्रणामांजली अर्पित की जावेगी। इसके पूर्व संस्कार भारती के बैनर तले राठौर धर्मशाला से सांय 5 बजे शहीदों के धूली कलश की शोभायात्रा प्रारंभ होगी जो मुख्य मार्गो से होकर कार्यक्रम स्थल बड़ा बाजार पहुंचेगी जहां 6.57 पर दीप जलाकर शहीदों को प्रणामांजली अर्पित की जावेगी तथा 7.30 बजे बड़ा बाजार में ही देश भक्ति गीत गायन होगा ।
पत्रकार वार्ता में कहा गया है कि धूलि संकलन संपूर्ण भारत के शहीद स्थलों से किया जाकर एकत्रीकरण कानपूर के बिठूर में गंगाजल सहित देश की प्रमुख नदियों के जल से सिंचित कर कलश संपूर्ण भारत में भेजे गये है । जिनको समारोह पूर्वक सभी स्थानों पर 10 मई को 8.57 बजे प्रणामांजली अर्पित की जावेगी । 1857 स्वातन्त्र समर में अंग्रेजों ने किसी को तोप के मुंह से बांध कर उड़ाया, किसी का सिर कलम किया तो किसी को पेड़ो की डाल पर फांसी पर लटकाया । कही-कहीं तो सैकड़ो की तादाद में सामूहिक फांसी दी गई । मौत के घाट उतारे जाने वाले शहीदों में कितने ही अखबारों के संपादक और प्रकाशक थे, जो अपनी कलम से क्रांति की ज्वाला सुलगा रहे थे । उन शहीदों के हाथ में था 1857 की क्रांति का प्रतीक चिन्ह रोटी और क मल आपके हाथ में है कलम । उन्होंने जलाई थी आजादी की मशाल । लोगों के मन में आप जगा सकते है । उन शहीदों के प्रति श्रद्धा का भाव । गत 15,16, और 17 फरवरी को बिठूर (कानपूर) में नमन 1857 अभियान का बिगुल फूंका जा चुका है । बिठूर में आयोजित कार्यक्रम इस मिट्टी से तिलक करो.... में देशभर के शहीदों एवं क्रांतिकारियों से जुड़े 299 स्थलों की माटी कलशों में लायी गई। 8 अप्रैल को लाल किला परेड ग्राउंड में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में ये धूलि-कलश देश के कोने कोने तक पहुंचायी गयी । आप अपनी कलम और कैमरे के माध्यम से देशवासियों तक यह संदेश पहुंचा सकते हैं कि अगर हर साल 9 सितम्बर को ट्विन टावर त्रासदी में काल का ग्रास बने लोगों की याद में अमेरिका दो मिनट के लिए थम सकता है तो आने वाली 10 मई को 1 मिनट के लिए हम अपने शहीदों को प्रणामांजलि क्यों नही दे सकते ? 10 मई को हम जहां है, जैसे भी हैं 1 मिनट के लिए मौन रखकर शहीदों को नमन करेंगे । प्रणामांजलि देंगे । आप भाग्यशाली है कि अपने जीवन काल में आपको यह अनुपम अवसर मिला । इस राष्ट्र यज्ञ की ज्वाला को और तेज करने में सिर्फ आप महती योगदान दे सकते है । संस्कार भारती ने सभी नागरिकों से कार्यक्रम में सम्मिलित होकर देश की आजादी के लिए शहीद हुए ज्ञात अज्ञात शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर इस कार्यक्र म को सफल बनाने की अपील की है ।