Thursday, April 10, 2008

भक्तों के लिए भक्ति हुई मंहगी

आष्टा 9 अप्रैल (नि.प्र.)। बढ़ती मंहगाई से केन्द्र की सरकार को चिंताओं के घेरे रखा है क्योकि जिस प्रकार मंहगाई का ग्राफ तेजी से बढ़ा है उसने गरीब की थाली से कई खाद्य सामग्री गायब कर दी और वो परेशान के साथ नाराज है मंहगाई का असर इन दिनों नवरात्रि पर्व पर भी भक्तों की आस्था पर नजर आ रहा है । क्योंकि मंहगाई के कारण भक्तों के लिए भगवान की भक्ति, पूजा, व्रत आदि करना मंहगा सौदा साबित हो रहा है । इन दिनों चैत्र नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है । माता के भक्त भक्ति में लीन तो है लेकिन शक्ति की देवी की आराधना उपासना के दौरान मंदिरों में पहुंच कर पूजन के लिए पूजन की सामग्री जो इतनी मंहगी हो गई है कि उसे लाना तथा नवरात्रि में व्रत के दौरान फलदार करना एक गरीब और सामान्य वर्ग के भक्त के लिए परेशानी के साथ साथ चिंता का कारण बना है । और नवरात्रि के पर्व में वो भक्त मंहगाई को लेकर सरकार को कोष रहा है । नवरात्रि में व्रत करने वाले भक्तों की फलहार, सामग्री की मांग बढ़ गई है लेकिन जो साबूदाना 20 से 25 रुपये मिला था वो अब 25 से 30 रुपये हो गया, मुंगफली का दाना 50 रुपये किलो मिल रहा है । जो नारियल 3 या 4 रुपये में भक्त खरीद कर मंदिरों में चढ़ाता था उसके लिए अब भक्तों को सोचना पड़ रहा है । क्योंकि नारियल अब 7रुपये का हो गया है । राजगिरा आटा जो 30 से 35 था अब 40 से 45 रुपये हो गया है । सिंघडा आटा 25 से 30 था वो अब 60 से 70 रुपये हो गया । नारियल के भाव दुगने हो जाने से मंदिरो में नारियल का चढावा घट गया है गरीब और सामान्य भक्त अब नारियल के बदले भगवान को या तो नगदी चढा कर संतुष्ट हो जाता है और भगवान से मांफी भी मांग लेता है कि क्या कंरू भगवान गरीब हुं नारियल मंहगा हो गया है इसलिए नगदी ही चढा रहा हूं कृपया स्वीकार करे ।