सीहोर 13 जनवरी (नि.सं.)। 7 साल से अवैध रुप से बंद पड़ी बीएसआई के कर्मचारीगण अपनी रोजी रोटी व वेतन की मांगों को लेकर साढ़े 6 सालों से निरंतन धरने पर बैठे हैं और अपने अभाव ग्रस्त परिवार के साथ आर्थिक संकटों से जूझते हुए अनेकानेक परेशानियों से संघर्ष कर रहे हैं। उनके बच्चों की शिक्षा भी अवरुध्द हो जाने से भविष्य अंधकार में हो चुका है। इस दौरान 90 प्रतिशत कर्मचारी रोजगार छिन जाने व वेतन न मिलने के सदमें में गंभीर एवं हृदय के रोगों से ग्रस्त हैं। एक के बाद एक मरते जा रहे हैं। इससे पूर्व में 42 श्रमिक मर चुके हैं।
सीहोर शक्कर कारखाना के ही केन इंस्पेक्टर सत्यनारायण यादव सत्तू आज मरने वाले श्रमिकों में 43 वे हैं। शुगर मिल नहीं चलने के सदमें से वे पीड़ित थे अचानक हार्टअटैक आने से उनकी मृत्यु हो गई।
वहीं दूसरी और कंपनी के मजदूर विरोधी, चेयरमेन, योगेश बाधवाना कम्पनी के 94 करोड़ उन्नीस लाख रुपये गबन करके फरार है और म.प्र. शासन और प्रशासन के आलाधिकारीगण भी श्रमिकों के वेतन का वारंट मिल मालिकों को तामिल नहीं करा सके एवं म.प्र. शासन, श्रम न्यायालय एवं ओद्योगिक न्यायालय व उच्च न्यायालय ने वेतन देने के आदेश दे रखें, किंतु उक्त आदेशों का पालन कराने में शासन के आलाधिकारी मिली भगत करके पालन नहीं करवा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अनेकों बार ज्ञापन के माध्यम से पूरी जानकारी से अवगत कराया गया है किंतु वह भी मौन है।
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