Friday, January 2, 2009

अंधेरे में डूबे अस्पताल में घायल मरीज तड़पते रहे

      आष्टा 1 जनवरी (नि.सं.)। एक और जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश को स्वर्णिम मध्य प्रदेश बनाने का सोचते हुए दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे हैं वहीं आष्टा में सिविल अस्पताल का अंधेरा दूर नहीं हो पा रहा है।

      आज रात्रि में विद्युत कटौती के दौरान चन्नोटा जोड़ पर एक दुर्घटना में घायल हुए दो लोग जिन्हे एक वाहन वाला इलाज के लिये सड़क से उठाकर सिविल अस्पताल लाया लेकिन अंधेरे में डूबा सिविल अस्पताल यह दोनो आये मरीज काफी देर तक इलाज के लिये तड़पते रहे। बाद में डयूटी पर तैनात चिकित्सक श्री चतुर्वेदी ने बाजार से दो गैस मंगवाये और जैसे-तैसे सिविल अस्पताल में उजाला किया तब जाकर इन घायलों को प्राथमिक उपचार मिल पाया। बाद में इन्हे उच्च इलाज के लिये भोपाल भेजा गया। देवास से नेमावर के लिये एक मोटर साईकिल क्रं. एमपी 09 एमएन 3181 पर सवार होकर नेमावर निवासी प्रेमनारायण लाईनमेन एवं दीपगांव निवासी रामनिवास जब चन्नोटा जोड़ के पास आये तब एक अज्ञात वाहन इन्हे टक्कर मारकर भाग गया। सिविल अस्पताल में अंधेरे के कारण दोनो काफी देर तक इलाज नहीं मिल पाया। प्रेमनारायण के मुँह से खून की धार बह रही थी तथा रामनिवास के सिर में गंभीर चोंट आने के कारण अचेत अवस्था में पड़ा था यहाँ तक की घटना की सूचना मिलने पर आई पुलिस को भी लिखापढ़ी टार्च के उजाले में करना पड़ी। कल रात चिकित्सकों ने कहा था कि अस्पताल का जनरेटर चालू हैं लेकिन आज इस बात की भी पोल खुल गई और चिकित्सकों का झूठ उजागर हो गया।