Sunday, January 11, 2009

कंजरों का आतंक छाया, हर दिन वाहन उठा रहे, नेपा वसूली में मांगे 70 हजार

अमलाहा का कोई ठोर नहीं: थाना आष्टा ? तहसील इछावर? जिला सीहोर ? और लोकसभा विदिशा ? जायें तो कहाँ जाये

      सीहोर 10 जनवरी (नि.सं.)। पूरे जिले सहित आष्टा तहसील से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में कंजरों का खुल्लम-खुल्ला आतंक छाया हुआ है, इन क्षेत्रों में नेपा वसूली जितनी तेजी से इस वर्ष हो रही है वह पुराने रिकार्ड तोड़ रही है, ऐसा लग रहा है कि या तो पुलिस है ही नहीं या फिर पुलिस है तो लगता है जैसे उसके अधिकारी खुद कंजरों से हाथ-पैर जोड़कर मान-मनव्वल करके दोनो हाथ फैलाकर कह रहे हों कि साहब आईये हमारे क्षेत्र में नेपा वसूली कीजिये और जो भी हो हमारा हिस्सा वह भी दे दीजिये, ताकि हमारा भी उध्दार हो जायेगा...।

      आष्टा तहसील से जुड़े ग्रामों में कंजरों की वारदातों और नेपा वसूली की घटनाओं से आतंक सा छाया हुआ है। एक पखवाड़े में अमलाहा में दो बड़ी घटनाओं के अलावा नेपा वसूली के नाम पर अनेक छोटी घटनाएं घट चुकी हैं। यही हाल यहाँ से लगे आसपास के अनेकानेक गांवों में भी है।

      सुविज्ञ सूत्रों के अनुसार पिछले पखवाड़े ही समीपस्थ ग्राम तोरनिया से एक ग्रामीण का ट्रेक्टर रातों रात गायब हो गया था। उसने आसपास खूब ढूंढा लोगों से भी पूछा लेकिन कहीं अता-पता नहीं चला। पुलिस को सूचना देना ठीक ऐसा ही था जैसे किसी बेहरे-अंधे व्यक्ति से बात करना। तोरनिया गांव के इस व्यक्ति ने भी अंतत: अपनी खुद ही स्तर पर खोजबीन करते हुए कंजरों तक बात पहुँचाई, उनके डेरे पर जाकर बातचीत की और कहा कि साहब नेपा जितना हो बताईये। कंजरों ने पहले तो 50 हजार रुपये की मांग की। मरता क्या ना करता बेचारे ग्रामीण को मालूम था कि पुलिस उसकी कोई मदद नहीं करेगी, बल्कि उसे भगा देगी। पुलिस कंजरों के डेरे पर भी नहीं जायेगी और ना ही कोई   सहयोग करेगी। अंतत: ग्रामीण ने 50 हजार रुपये ले जाकर कंजरों को दिये, कंजर  किसी बात पर नाराज थे इसलिये उन्होने 20 हजार रुपये और मांगे, मजबूर होकर ग्रामीण ने 20 और दिये और इस प्रकार 70 हजार रुपये में तोरनिया के ग्रामीण ने  पिछले पखवाड़े ही अपना ट्रेक्टर कंजरों से वापस पाया है।

      दो दिन पूर्व की ही घटना है कि जब अमलाहा क्षेत्र से रात करीब 2 बजे एक खेत पर से ट्रेक्टर को जाते हुए एक ग्रामीण ने देखा, वह अपने खेत पर रात पानी फेर रहा था। इसी समय एक फटे सायलेंसर की पुरानी यामाहा मोटर साईकिल भी यहाँ गांव से गुजरी। सुबह जब पानी फेरने वाले ग्रामीण ने देखा तो पता चला कि उसी का ट्रेक्टर चोरी चला गया है। हालांकि इसने पुलिस को सूचित तो कर दिया है लेकिन वह जानता है कि नेपा वसूली के लिये उसका ट्रेक्टर ले जाया गया है और अब कंजरों के यहाँ सजदा करने उसे जाना पड़ेगा तब ही उसका ट्रेक्टर मिल सकेगा।

      जिस प्रकार सीहोर नगर में साईकिलों की चोरी हर दिन होती है उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े-बड़े ट्रेक्टर-ट्राली की चोरियाँ आराम से हो रही हैं। शुजालपुर माधोपुर के आगे के कंजर डेरे वालों ने इस क्षेत्र में आतंक मचाया हुआ है।

      अब तो अमलाहा के लोगों का कहना है कि हमारा थाना आष्टा में, तहसील इछावर है, जिला सीहोर है और लोकसभा विदिशा है तो फिर हम जायें कहाँ ? कहाँ हमारी समस्या का निदान होगा कुछ समझ नहीं आता। पुलिस विभाग भी कंजरों की नेपा वसूली के लिये आज तक कोई कारगर उपाय नहीं कर सकता है। इसलिये ही कहा जाता है कि पुलिस की मिली भगत से ही नेपा वसूली की जाती है। .
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