जावर 10 जनवरी (नि.प्र.)। जब तक सतगुरू की कृपा नहीं होती, ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती और जब ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती तो जीवन सार्थक नहीं होता, इसके लिये हमे त्याग करना होता है, परमात्मा त्याग मांगता है, राष्ट्र त्याग मांगता है, धर्म त्याग मांगता है, त्याग की भावना होने पर ही हम जीवन रूपी नाव को पार लगा सकते है। धर्म का साक्षात रूप मर्यादा पुरूषोतम राम है, श्री राम से त्याग सिखों।
उक्त उदगार श्रीराम मंदिर में चल रहे आध्यात्मिक ज्ञान गंगा यज्ञ में संत श्री रामदास बाबा सेवा समिति व नारी चेतना मंच के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित प्रवचन में पं.पू. विद्वषि अनुराधा नागर ने कहें उन्होंने कहा कि बिना ज्ञान के भक्ति अंधी है, आत्मा में ज्ञान को जगावों, यदि आत्मा ही अंधी है तो आप परमात्मा को नहीं पा सकते इसके लिये आत्मा की आंखों को जगाने की आवश्यकता है। तुम परमात्मा को कहा ढूंढते हो, परमात्मा तुम्हारी आत्मा में वास करते है। आपने कहा कि अपने जीवन में श्रीराम को उतारों, श्रीराम के पद चिन्हों पर चलो, तभी आदर्श राष्ट्र की स्थापना होगी, भारत समद्वशाली देश बनेगा, हमें हमारी संस्कृति को अपनाना होगा, तभी आदर्श राष्ट्र का सपना पूरा होगा, श्रीराम सेतु का उल्लेख करते हुये आपने कहा कि वह अनमोल धरोहर हमारी संस्कृति का प्रतीक है, इसे हम नष्ट नहीं होने देगें।
इस दौरान साध्वी ने मंत्र मुग्ध भजन प्रस्तुत कर उपस्थित जन समुदाय को झूमने पर मजबूर कर दिया। आपने कहा कि धर्म धारण करने योग्य है, जहां धर्म नहीं वहां कुछ नहीं, धर्म के जीवन के न रहने पर जीवन व्यर्थ है, धर्म के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इसलिए धर्म से मन को जोड़ो और संसार में ऐसा कार्य कर के जावो ताकि आने वाली पीढ़ी आपको सराहे।
उन्होंने नारी को धर्म का मूर्त रूप बताते हुये कहा कि परमात्मा और नारी का स्थान सम्मान है परंतु हमारे देश में नारी का अनादर बढ़ गया है। हम उसे प्रताड़ित करने लगे है, यानि हम परमात्मा को प्रताड़ित कर रहे। जिसने नारी का सम्मान किया, जिसने नारी का उत्थान किया, उससे ईश्वर प्रसन्न हो जाता है। जब हम धर्म को सही रूप से धारण करेगे, देश की संस्कृति को समझेगे, तो ऐसी दुष्भावना, दुस्कृतिया अपने आप ही समाप्त हो जायेगें।
कार्यक्रम में विशेष यजमान के रूप में फूलसिंह मालवीय न.पा. अध्यक्ष व राकेश सिंह सेंधव भाजपा मंडल अध्यक्ष उपस्थित थे। सभी अतिथियों ने कार्यक्रम के शुभारंभ में साध्वी की चरण वंदना कर आशीर्वाद लिया।
संचालन संयुक्त रूप से सुभाष भावसार, व संजय अजमेरा ने किया।
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