Thursday, January 15, 2009

बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर 356 शहीद क्रांतिकारियों की समाधि पर श्रद्धांजली हुई

सीहोर 14 जनवरी (नि.प्र.)। नगर के गौरवमयी 1857-1858 के स्वतंत्रता आंदोलन में शहीद हुए जिन 356 शहीदों को 14 जनवरी 1858 को सामूहिक रुप से गोली मार दी गई थी उनका स्मरण करते हुए आज बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर आयोजित श्रद्धांजली समारोह में नगर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वयोवृध्द स्वतंत्रता संग्राम सैनानी गोपाल जी राठौर व विधायक रमेश सक्सेना थे।  नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता बसंत उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रमोद जोशी गुंजन ने की।

      बसंत उत्सव आयोजन समिति के आव्हान पर सैकड़ाखेड़ी मार्ग स्थित ऐतिहासिक समाधि पर श्रद्धांजली सभा का आयोजन रखा गया था। प्रात: 10.00 बजे कार्यक्रम स्थल पर बज रहे देशभक्ति गीतों ने वातावरण में राष्ट्रीय भावना का ओज भर दिया था। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मुख्य अतिथि स्वतंत्रता संग्राम सैनानी गोपाल जी राठौर व समस्त स्वतंत्रता संग्राम सैनानीगण केसरीमल गिरोठिया, उदय सिंह जी आर्य, भगवान दास जी अग्रवाल, बेनी प्रसाद राठौर, विधायक रमेश सक्सेना आदि ने भारत माता के चित्र के समक्ष समाधि पर दीप प्रवलित किया और कार्यक्रम की अनौपचारिक शुरुआत की। इसके बाद सभी उपस्थित जन ने समाधि स्थल पर पुष्पांजली अर्पित कर शहीदों को नमन किया।

      सिपाही बहादुर सरकार के गौरवमयी इतिहास और समाधियों की वर्तमान स्थिति के संदर्भ में  बसंत उत्सव समिति अध्यक्ष प्रमोद जोशी गुंजन ने प्रस्तावना रखते हुए कहा कि 1857 का महासंग्राम एक रणनीति पूर्वक किया गया स्वतंत्रता आंदोलन था जिसमें न सिर्फ देश राजा-रजवाड़े प्रमुखता से जुड़े हुए थे बल्कि सारे भारतीय सैनिकों ने भी इसमें पूरा सहयोग किया, जिसमें सीहोर के क्रांतिकारी सैनिकों ने भी अंग्रेजों के खिलाफ खुलकर संघर्ष किया। जनरल ह्यूरोज ने सीहोर में क्रांतिकारियों का कत्ले आम करते हुए 356 क्रांतिकारियों को एक साथ गोलियों से भुनवा दिया था। आज भी उन्ही की समाधियाँ जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़ी हुई हैं। श्री जोशी ने कहा कि यहाँ एक उद्यान का निर्माण हो, टेसू के फूलों का एक विशाल बगीचा लगे और शासन इसे संरक्षित करे ।

      कार्यक्रम को विधायक रमेश सक्सेना ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं उन क्रांतिकारियों को नमन करता हूँ साथ ही यह आश्वासन देता हूँ कि समिति जो भी यहाँ विकास के लिये निर्णय लेगी उसमें सहयोग करुंगा, शासन स्तर के लिये कोई योजना हो तो बना ली जाये क्या हो सकता है वह हम शासन से बात करके यहाँ के विकास की रुपरेखा तय करायेंगे।

      नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने कहा कि शासन स्तर पर यहाँ विकास कार्य होना चाहिये, नगर पालिका से भी जो सहयोग हो सकेगा किया जायेगा। वरिष्ठ पत्रकार अम्बादत्त भारतीय ने इस अवसर पर कहा कि जनरल ह्यूरोज ने आज ही के दिन 1858 में क्रांतिकारियों को एक साथ गोलियों से कत्लेआम करवा था यह बात हम नहीं करते बल्कि गजेटियर में उल्लेखित है, और सैकड़ो इतिहास की पुस्तकों में भी इसका उल्लेख है। जलियावाला बाग तो बहुत बाद में घटा लेकिन उसके बहुत पहले सीहोर में जलियावाला बाग जैसी घटना घट गई थी। बाबा ने कहा कि जनरल ह्यूरोज नरसंहार करके ऐसा घबराया था कि 15 अगस्त को सुबह 4 बजे से ही सीहोर छोड़कर रवाना हो चुका था।

      कार्यक्रम संचालक पंकज पुरोहित सुबीर ने 356 क्रांतिकारियों की शौर्य और वीरता के संबंध जिन इतिहास की पुस्तको हयाते सिकन्दरी, भोपाल गजेटियर तथा मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग की पुस्तक सिपाही बहादुर में उल्लेख मिलता है की सविस्तार जानकारी दी तथा साथ ही सैकड़खेड़ी मार्ग पर अंग्रेजाें के जमाने के शेष रह गये अवशेषों की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि किस प्रकार यहाँ चाँदमारी होती थी और जनरल ह्यूरोज ने एक साथ 356 क्रांतिकारियों को खड़ा कर चांदमारी के स्थान पर गोलियों से भून दिया।

      बसंत उत्सव आयोजन समिति की और से कार्यक्रम का आभार व्यक्त करते हुए आनन्द गाँधी ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए और उन्होने श्रध्दांजली अर्पित की। अनेक संगठनों ने भी आज यहाँ श्रध्दांजली कार्यक्रम किया।

      आज देश के विख्यात समाचार चैनल आजतक की तेजतर्रार पत्रकार दीप्ति चौरसिया ने भी उपस्थित होकर श्रध्दांजली दी तथा यहाँ समाधि स्थल का एक समाचार संकलित किया। .
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