Saturday, October 18, 2008

भाजपाईयों ने बड़े नेताओं से कहा : इछावर से चेहरा बदलो नहीं तो इस बार चाल बदल जायेगी, करण सिंह वर्मा को लेकर क्षेत्र में नाराजगी उभरी

सीहोर 17 अक्टूबर (विशेष संवाददाता)। भाजपा का अभेद गढ़ कहा जाने वाला इछावर विधानसभा क्षेत्र लगता है इस बार हर बार की तरह भाजपा के लिए उतना आसान नहीं है जितना हुआ करता था एवं समझा जा रहा है। मंत्री करण सिंह वर्मा के साथी ही इस बार एक तरह से उनके खिलाफ बगावत का बिगुल बजा चुके हैं वही क्षेत्र में विकास की गति धीमी रहने तथा मंत्री पद प्राप्त होने के बाद भी इछावर जैसे पिछड़े और उपेक्षित क्षेत्र का वे उतना विकास नहीं करा पाये जितना जनता को उम्मीद थी एक नहीं अनेको कारणों से इस बार क्षेत्र की जनता भी और अधिकांश कार्यकर्ता इछावर से लगातार 1985 से विजय होते आने वाले शिवराजसिंह चौहान मंत्री मण्डल के सदस्य इछावर के विधायक करणसिंह वर्मा के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही  है वैसे यह भी कही ना कहीं सत्य है कि मंत्री करणसिंह वर्मा ने इस क्षेत्र में उतना दमदार नेता पैदा ही नहीं होने दिया जो उन्हें टक्कर दे सके लेकिन इस बार उन्हीं लोगों ने उनके खिलाफ विरोध का स्वर मुखर किया है जो आज तक करण सिंह वर्मा को ही टिकिट दिये जाने और उन्हें जिताने, उनका चुनाव संचालन करने का जिम्मा अपने कंधों पर लिये हुए रहते थे। क्षेत्र के वरिष्ठ नेता मंत्री करणसिंह वर्मा से इस लिए भी नाराज है कि उनकी कथनी और करनी में अब उन्हें अंतर नजर आने लगा है।

      जानकार सूत्रों के अनुसार मंत्री जी के लिए इस बार इछावर उतनी आसान नहीं है जितनी हमेशा होती थी मंत्री जी जो की खाती समाज के हैं और इस विधानसभा में खाती समाज के कुल 1 लाख 70 हजार मतदाताओं मेें से लगभग 35 से 40 हजार मतदाता खाती समाज के है जातीवाद के गणित से वे अभी तक टिकिट भी पाते रहे है और यह भी सत्य है कि वे इसी गणित से जीतते भी आये हैं लेकिन इस बार इस क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं हमेशा करण सिंह वर्मा के चुनाव के संचालक रहने वाले भाजपा के जिला महामंत्री लीलाधर जोशी ने मंत्री जी की कार्यप्रणाली कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, विकास के कार्यो में रूचि ना लेने व अन्य कारणों से नाराज होकर मंत्री जी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है तथा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने भोपाल पहुंचकर प्रदेश भाजपा के उन सभी नेताओं से भेंटकर जो टिकिट वितरण के प्रमुख है से कह दिया है की इछावर से चेहरा बदला जाये। जब प्रदेश ने उनसे पूछा दूसरा नाम बताओं तो एक नहीं 5-6 नाम प्रदेश को बताये जो नाम बताये उसमें लीलाधर जोशी, राधेश्याम कबाड़ी, सुहागमल मेवाड़ा, धरमसिंह वर्मा, भोपाल दुग्ध संघ अध्यक्ष, करणसिंह सेठी, महेन्द्र प्रगट, कैलाश पटेल, शंकरलाल शर्मा आदि प्रमुख है इन नामों में से तीन नाम ऐसे है जो खाती समाज के ही हैं और वे भी समाज में अपना प्रमुख स्थान रखते है।

      करण सिंह वर्मा से नाराजगी के कुछ कारणों इस क्षेत्र में कई सड़कों का निर्माण कार्य जो शुरु हुआ वो मंत्री जी की अनदेखी के कारण आज भी अधूरी पड़ी है जबकि उन सड़क को कभी का पूरा हो जाना था। ऐसे जो रोड है जो नाराजी के कारण बने है वे है भाऊखेड़ी से अमलाह मार्ग, इछावर से राम नगर मार्ग, 4 साल के बाद भी ये रोड अधूरे पड़े और ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बने हैं वहीं इछावर में विश्रामगृह निर्माण का शुभारंभ हुआ था तब मंत्री जी ने घोषणा की थी की 3 माह में बनकर तैयार हो जायेगा। 3 माह के बदले 5 माह हो गये निर्माण पूरा हीं नहीं हुआ उल्टे उन्हें भूमिपूजन का पत्थर उदघाटन के बाद लोग फोड़ गये। मंत्री जी ने भूमिपूजन किया तब भाषणों में कहा की ये सडक गाल की तरह चिकनी बनेगी वो सडके उन्हें ही चिढ़ा रही है।

      इछावर विधानसभा का इतिहास :- सीहोर जिले की इछावर विधान सभा क्षेत्र भाजपा का अभेदगढ़ माना जाता है अभी तक हुए चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अजीज कुरैशी, हरिचरण वर्मा जीते वही जनता पार्टी से एक बार नारायण प्रसाद गुप्ता 1977 में जीते थे 1985 से 2003 तक पांच चुनावों में लगातार करण  सिंह वर्मा जीतते आये हैं। इस बार क्या होगा इसके लिए इंतजार करना होगा 2003 में करणसिंह वर्मा को बलवीर तोमर ने कड़ी टक्कर दी थी वही कांग्रेस के राधाकिशन को करण सिंह वर्मा ने 15 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था यहां कांग्रेस गुटबाजी के कारण पराजित होती आई है इस बार कांग्रेस से अभय मेहता टिकिट पाने के लिए पूरी तरह से जुटे हुए है बलवीर तोमर भी दिल्ली में सम्पर्क में है अभय मेहता पचौरी समर्थक हैं वही बलवीर तोमर कमलनाथ के भरोसे हैं। वैसे उन्हे केन्द्र में अच्छा पद मिल चुका है फिर भी एक बार विधायक बनने के बरसों से सपना संजोये हुए हैं।

      नाराजी बनेगी परेशानी :- इछावर के वरिष्ठ नेता लीलाधर जोशी, राजेश खंडेलवाल, राधेश्याम कबाड़ी, धरम सिंह वर्मा, कैलाश पटेल जैसे धाकड तथा जनाधार वाले नेताओं की नाराजगी करण सिंह वर्मा को परेशान किये हुए है इस बार इछावर में भाजपा चिन्ता में है।

      राजेश खंडेलवाल से विवाद चर्चा का विषय है:- मंत्री करणसिंह वर्मा ने वर्षो से खास सीहोर के भाजपा नेता जिन्हें करण सिंह वर्मा का दायां हाथ कहा जाता है मंत्री जी से खंडेलवाल का विवाद और अलग होना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। दवी जुबान से क्षेत्र के लोग इन दोनों के बीच के विवाद का कारण बिचौली ग्राम की किसी जमीन को बताते हे खुलकर कुछ नहीं बोलते है इससे लगता है कोई बड़ा मामला इन दोनों के बीच विवाद का कारण है जिसे क्षेत्र के लोग पूरी तरह से जानते हैं आज कल राजेश खंडेलवाल जो हमेशा मंत्री जी के साथ रहते थे उक्त विवाद के बाद साथ नहीं नहीं आ रहे है...मंत्री जी को शायद यह नहीं पता कि दाई से कभी पेट नहीं छुपता।

        कहां-कहां नाराजी व्यक्त की :- मंत्री जी को लेकर उठी नाराजी चेहरा बदलों की मांग को लेकर इस क्षेत्र के सेकड़ों भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने अपनी बात नरेन्द्र सिंह तोमर, सुंदरलाल पटवा, प्यारेलाल खंडेलवाल, कैलाश जोशी, माखनसिंह, भगवत शरण माथुर, अनिल दबे आदि को बताकर चेहरा बदलों की मांग कर दी है।

       चेहरा बदलना आसान नहीं :- लगातार 5 बार से विजय होने वाले इछावर के विधायक करण सिंह वर्मा के खिलाफ उठी आवाज को तो सुन ली है लेकिन यह भी सत्य है कि इछावर से मंत्री जी का टिकिट काटना उतना आसान नहीं है जितना नाराज कार्यकर्ता मानकर मांग कर रहे है। भाजपा पार्टी पूर्ववती वर्मा की जीत को देखते हुए आसानी से टिकिट बदल नहीं सकती दूसरे वर्मा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले संयुक्त रुप से कुछ करते नजर नहीं आ रहे हैं। जिससे नेतृत्व के समक्ष खुला  विरोध प्रदर्शित नहीं हुआ है। यह अवश्य है कि पहली बार वर्मा के खिलाफ कुछ वातावरण अवश्य बना है। लेकिन इतना विरोध तो भाजपा को लगभग हर प्रत्याशी के खिलाफ देखने में आ रहा है।