Thursday, August 21, 2008

मुख्यमंत्री की अर्थी निकली, अंतिम संस्कार हुआ, पुलिस देखती रही...

सीहोर 20 अगस्त (नि.सं.)। रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अर्थी सीहोर टाकीज चौराहा से प्रारंभ होकर कोतवाली चौराहा पर पहुँची जहाँ पुतले को डंडे से खूब मारा गया । अर्थी निकालने वाले युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने यहाँ हाय डम्फर-हाय डम्फर चिल्ला-चिल्लाकर रोना-पीटना मचा दिया। इसके साथ ही विधायक व मुख्यमंत्री के खिलाफ बहुत बुलंदगी के साथ नारे लगाये। इसके बाद अर्थी को अगि्दाह कर दिया गया। इतना ही नहीं युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता इसके बाद बकायदा नदी चौराहा पहुँचकर नहाकर ही वापस लौटे।
कांग्रेस नेता सेवादल प्रमुख और नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय को मध्य प्रदेश शासन द्वारा पदच्यूत किये जाने की घटना से यहाँ राय समर्थकों में खासा आक्रोश व्याप्त है। आज जहाँ राकेश राय ने इस संबंध में तीखे बयान पत्रकार वार्ता में दिये वहीं शाम युवक कांग्रेस और कांग्रेस पार्षदों की महत्वपूर्ण उपस्थिति में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक रैली निकाली। यहाँ बकायदा मुख्यमंत्री का पुतला बनाकर उनकी अर्थी सजाई गई। दो तख्ती मुख्यमंत्री के नाम की अर्थी के साथ लगाई गई। इसके बाद बकायदा अर्थी निकालते हुए कार्यकर्ता नारे बाजी करते हुए कोतवाली चौराहा पहुँचे। यहाँ आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने रोना-पीटना शुरु करते हुए हाय डम्फर-हाय डम्फर करना शुरु क र दिया। यहीं विधायक व मुख्यमंत्री जी के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। बोरिया बिस्तर बांध ले......, तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे यहाँ आक्रोशित कार्यकर्ताओं न लगाये।
यहाँ कोतवाली चौराहा पर पुलिस शांति से खड़ी रही और मुख्यमंत्री के पुतले पर लट्ठ बरसाये गये इसके बाद उनका अग्नि दाह कर दिया गया। अंतिम संस्कार की क्रिया करके कुछ कार्यकर्ता तो आक्रोश में नदी चौराहा जाकर कुछ पानी के छींटे भी अपने ऊपर डालकर नहाने की क्रिया पूरी कर आये।
जबकि सारे कार्यकर्ता पुन: सीहोर टाकीज चौराहे पर एकत्रित हुए और यहाँ बकायदा उन्होने एक शोक सभा आयोजित की तथा दो मिनिट तक मौन भी रखा गया।
आज कोतवाली चौराहा पार्षद मिंदी अरोरा ने यहाँ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के शासन में 13 मंत्रियों पर लोकायुक्त का शिकंजा कसा हुआ है यदि मुख्यमंत्री ईमानदारी का चोला ही पहने हुए हैं तो पहले अपने 13 मंत्रियों जिनके खिलाफ मामला दर्ज है उन्हे पहले हटायें। उसके बाद सीहोर विधायक रमेश सक्सेना जिन्होने किसानों को कागजों पर मारकर करोड़ो रुपये का बीमा घोटाला किया है, उन्हे हटायें। कांग्रेस के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल अरोरा हों या रुकमणी रोहिला उनके कार्यकाल में भी भेदभाव पूर्ण कार्य नहीं हुआ और वर्तमान में राकेश राय के कार्य भी भेदभाव रहित हो रहे हैं जिससे भाजपा सरकार बौखला रही है।


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