Tuesday, June 24, 2008

जिलाधीश श्री आहूजा ने पदभार संभाला, अस्पताल पहुँचे


सीहोर 23 जून (नि.सं.)। रीवा से स्थानांतरित होकर आए नवागत कलेक्टर डी.पी.आहुजा ने आज सोमवार 23 जून को कलेक्टर सीहोर का पदभार ग्रहण किया।

नवागत कलेक्टर श्री आहुजा आज प्रात: 10.30 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित भू-अभिलेख, नजारत, एन.आई.सी. और भंडार शाखाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने ए.डी.एम. कोर्ट और अधीक्षक कक्ष को भी देखा। भू-अभिलेख शाखा में उन्होंने अभिलेख संधारण की जानकारी हासिल की। इसके बाद करीब 11 बजे कलेक्टर अपने कक्ष में पहुंचे जहां उन्होंने जिलाधिकारियों से परिचय लिया और विभागीय कार्य तथा स्टॉफ की जानकारी प्राप्त की।

नवागत कलेक्टर डी.पी.आहुजा ने आज पदभार ग्रहण करने के पहले दिन जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर यह जता दिया कि वे जिले में कुछ बेहतर कर गुजरने के मूड से ही यहां आए हैं। उन्होंने चिकित्सालय की व्यवस्थाओं के सिलसिले में सी.एम.ओ. से जिस तरीके में बात की उससे यह साफ जाहिर होता नजर आया कि निकट भविष्य में जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं में बदलाव निश्चित है।

कलेक्टर श्री आहुजा दोपहर में अचानक जिला अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने शिशु रोग विभाग, महिला वार्ड, किसान वार्ड, ओ.पी.डी.,आई.सी.यू. और डाक्टर्स चैम्बर्स के साथ ही निर्माणाधीन मैटरनिटी वार्ड का निरीक्षण किया। निर्माणाधीन मैटरनिटी वार्ड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने सी.एम.ओ. डॉ. मरावी से कार्य पूरा होने की अवधि जानना चाही। सी.एम.ओ. ने बताया कि निर्माण कार्य छ: माह में पूरा कर लिया जायगा। कलेक्टर इस जवाब से सहमत नही दिखे और उन्होंने कार्य को चार माह में पूरा करने की हिदायत दे डाली। कार्य करा रहे कांट्रेक्टर से उन्होंने पेमेन्ट के बारे में पूछा और कहा कि पेमेन्ट में कोई दिक्कत आती है तो वे यह बात उनके ध्यान में ला सकते हैं बशर्ते काम पूरी गुणवत्ता के साथ चार माह में ही पूरा किया जाएगा।जिलाधीश श्री आहुजा ने चिकित्सालय परिसर का निरीक्षण कर उन संभावनाओं को टटोला जहां आगे और कार्य कराये जाने की गुंजाइश बन सकती है। उन्होंने डॉ.मरावी को नक्शा और बजट सहित कलेक्ट्रेट आने की ताकीद की। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत किए जा रहे कार्य की जानकारी हासिल की। गरीबी रेखा के प्रकरणों को चेक किया और मरीजों से बात कर मिल रही दवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। जिला चिकित्सालय में चल रहे नि:शक्तजन शिविर का भी उन्होंने अवलोकन किया जहां 118 प्रकरण दर्ज किए गए थे। विकलांगों को दिए जाने वाले प्रमाण-पत्र और अन्य सहूलियतों के बारे में उन्होंने उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय से चर्चा की और जरूरी निर्देश दिए।