Tuesday, June 3, 2008

बिना प्याज कांटे ही आंसू निकल रहे हैं किसानों के

जावर 2 जून (नि.प्र.)। पिछले वर्ष अच्छे दाम मिलने से इस वर्ष क्षेत्र के यादातर किसानों ने प्याज की फसल लगाई और उत्पादन भी खूब हुआ लेकिन केन्द्र सरकार की गलत नीति के कारण प्याज उत्पादकों को प्याज के वाजिव दाम नहीं मिल रहे हैं यहाँ तक की लागत भी नहीं निकल रही है जिससे प्याज उत्पादक खासा परेशान है इस तरह बिना प्याज काटे ही आंसू निकल रहे हैं किसानों के।
कृषक रमेश चन्द पाटीदार ने बताया कि पिछले वर्ष प्याज के अच्छे दाम मिलने से इस वर्ष क्षेत्र के किसानों ने करीब एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल लगाई थी प्याज की पैदावार भी बम्पर हुई लेकिन दाम बाजिव नहीं मिल रहे हैं यहाँ तक की लागत तक नहीं निकल रही है। पिछले वर्ष मई जून माह में जो प्याज 6 से 7 रुपये किलो बिका था वह प्याज वर्तमान में मात्र दो रुपये किलो ही बिक रहा है। प्याज कम भाव बिकने के पीछे केन्द्र सरकार की गलत नीति बताई जा रही है। बाबूलाल पाटीदार का कहना है कि केन्द्र सरकार ने प्याज का निर्यात कोटा 15 प्रतिशत कमल कर दिया जिससे भावों में भारी कमी आ गई। इस समय हालत यह है कि इन्दौर-भोपाल की सब्जी मंडियों में प्याज बेचने जाते हैं तो उसका खर्चा तक नहीं निकलता। इस वर्ष प्याज उत्पादक किसानों की हालत खराब है। क्षेत्र के प्याज उत्पादकों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्याज उत्पादकों की समस्या हल करने के लिये केन्द्र सरकार से बात कर प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाने की मांग की है।