Saturday, April 12, 2008

जिस प्याज ने सरकार को रूलाया था आज वो किसान को रूला रही है

प्याज, लहसुन और आलू की रिकार्ड तोड़ आवक
आष्टा 11 अप्रैल (नि.प्र.)। जिस प्याज ने एक बार आसमान छुते भाव के कारण सरकार को रूला-रूला दिया था आज वो हि प्याज भाव के कारण उसको पैदा करने वाले किसान को रूला रही है। इस वर्ष आष्टा क्षैत्र में आलू, प्याज, लहसून का उत्पादन करने वाले किसानों के यहा भरपूर फसल पैदा हुई है । कम पानी और ठंड पड़ने के कारण फिर भी उक्त फसले प्रभावित हुई है । लेकिन फिर भी इतनी फसल हुई है कि आष्टा में ही नही हर जगह उसके भाव पानी की तरह हो गये है । आष्टा की सब्जी मंडी में रोजाना लहसुन, प्याज की डेढ़ से 2 हजार बोरी की भरपूर आवक हो रही है । वही कोन्ड स्टोरेज लबालब भरा जाने के कारण आलू की भी भरपूर आवक मंडी में हो रही है । आज सुबह इस प्रतिनिधि ने आष्टा सब्जी मंडी का भ्रमण किया तो भारी आवक का नजारा देखने को मिला मंडी में आडतियों के यहां ग्रामों से आया आलू लहसून, प्याज नीलाम हो रहा था देखा कि प्याज जिसकी क्वालिटी हल्की है । है वो नीलामी में थोक में 2 रुपये किलो तथा जो प्याज अच्छी क्वालिटी का है वो 4 रुपये किलो थोक में नीलाम हो रहा है । आष्टा नगर में इन दिनों खेरची प्याज बेचने वालों के अनेकों ठेलो दिनभर धुमते नजर आ रहे है । ये लोग खेरची में प्याज 10 रुपये का ढाई किलो से 3 किलो तक बेच रहे है । थोक में लहसून हल्की 10 से 15 एवं अच्छी 15 से 20 रुपये किलो नीलाम हो रही है ।
इसी प्रकार सब्जी मंडी में लहसुन की सबसे अधिक आवक नजर आई आज सुबह आष्टा तहसील के ग्राम छोटी खेड़ी के कृषक शिवनारायण मेवाड़ा अपने यहां उत्पादन की गई लहसून लेकर आये थे जब उनसे चर्चा की तो उन्होंने बतया की ठंड पड़ने से लहसून प्याज आलू की फसल काफी प्रभावित हुई है । ऊपर से भाव भी काफी कम मिल रहे है। उन्होनें बताया कि इस बार उन्होंने अपने खेत पर 1 क्ंविटल लहसुन लगाई थी और लगभग 10 कुन्टल लहसुन पैदा हुई है । अगर ठंड नही पड़ती तो उत्पादन इससे दुगना होता इसी प्रकार छोटी खेड़ी के कृषक गोपालसिंह मेवाड़ा जो की मंडी में प्याज लेकर आये थे ने बताया कि उत्पादन ठंड के कारण प्रभावित हुआ है । उन्होंने डेढ़ एकड़ में प्याज लगाया था ठंड से जल जाने के कारण आशा से आधा ही प्याज पैदा हुआ ठंड से क्वालिटी भी प्रभावित हुई है। इसलिए भाव भी कम मिल रहा है। वही क्षैत्र में प्याज और लहसुन के साथ-साथ आलू भी काफी पैदा हुआ है । क्षैत्र का किसान कम भाव के कारण आलू रोकना चाहता है लेकिन आष्टा में कोई भी कोन्ड स्टोरेज नही है। इसलिए जब वो आलू रखनेके लिए देवास ओर शुजालपुर कोन्ड स्टोरेज पहुंचा तो उसे निराश होकर लौटना पड़ा क्योंकि बड़ी-बड़ी कंपनीयों ने इस बार आलू जमीन से बाहर नही निकला उसके पहले ही कोन्ड स्टोरेज अपने नाम से बुक करा लिया था जो थोड़ी बहुत जगह थी वो स्थानीय कृषकों ने बुक करा ली और उन्हें निराशा मिली मजबूरी में अब वे कृषक आलू ओने पौने दाम में आलू बेचने ला रहे है । क्योंकि घरों में आलू रख नही सकते जल्दी खराब होने का डर रहता है। इस संबंध में सब्जी मंडी के आडतिया नरेन्द्र कुशवाह, गब्बू कुशवाह, से जब फुरसत ने चर्चा की तो आडतियों ने बताया कि आष्टा की सब्जी मंडी में लहसुन, प्याज, आलू की भरपूर आवक बनी है । इस बार उत्पादन अच्छा हुआ है । लेकिन क्वालिटी हल्की आ रही है। मंडी में रोजाना डेढ़ से दो हजार बोरी लहसून,प्याज, आ रहा है । नीलामी में हल्का लहसुन 10 से 15 रुपये एवं अच्छा लहसुन 15 से 20 रुपये किलो तक बिक रहा है । व्यापारी खरीद कर यहां से लहसुन बेग्लौर, मुम्बई, नीमच, मन्दसौर, जावरा, इंदौर, उज्‍जैन, बेचने जा रहे है । जो क्षैत्र के बड़े बड़े प्याज लहसून के उत्पादक किसान है वे तो अपना पुरा माल आष्टा से सीधे नीमच-जावरा मन्दसौर ले जा रहे है वही बेचकर आ रहे है। आष्टा मंडी में किसानों को भुगतान नगद दिया जाता है । इसलिए आस-पास की तहसील के किसान भी यहां माल बेचने के लिए लाते है ।
पाला ठंड का असर पड़ा है:- ऐसा नही है कि ठंड का असर केवल गेंहू चना मसूर आदि पर ही पड़ा है आज जिस प्रकार प्रतिनिधि को सब्जी मंडी में आये किसानों से चर्चा की और माल की क्वालिटी देखी उससे लगा की ठंड का जितना असर चने, मसूर पर पडा है । उतना ही असर आलू-प्याज-लहसुन पर भी पड़ा है ठंड लगने से क्वालिटी काफी हल्की हो गई है । कई जगह तो खराब हो गया है । इससे भाव कम मिलने के साथ साथ उत्पादन भी प्रभावित हुआ है ।
हमें मुआवजा क्यों नही :- सब्जी मंडी में आये किसानों ने कहा की गेंहू -चना -मसूर का ठंड के कारण नुकसान हुआ शासन ने उसका सर्वे कराया, मुआवजा भी दे रही है तो हमारी लहसुन, प्याज, आलू की फसल का भी सर्वे होना चाहिये एवं मुआवजा मिलना चाहिये ।
आष्टा को चाहिये एक कोन्डस्टोरेज:- इस बार क्षैत्र में ठंड पड़ने के बाद भी जिस प्रकार आलू, प्याज, लहसुन की भरपुर आवक हो रही है आवक होने के कारण भाव गिर चुके है । किसान कम भाव में बेचना नही चाहता है लेकिन इन बस्तुओं को रख भी नही सकता स्टोर करने के लिए कोन्ड स्टोरेज की आवश्यकता होती है । जो आष्टा में है ही नही अगर उसे रखना भी है तो उसे देवास-शुजालपुर जाना पड़ता है। जो मंहगा सौदा साबित होता है । इसलिए बेचने को मजबूर है । अब आष्टा में एक कोन्ड स्टोरेज की आवश्यकता महसूस हो रही है । जो लोग वेअर हाऊस गोदाम बना रहे है उन्हें इस और ध्यान देना चाहिये कोन्ड स्टोरेज की आष्टा में अति आवश्यकता है ।
हम्माल दौड़ पड़ते है:- भरपूर आवक के कारण सुबह 6 बजे से सब्जी मंडी में ग्रामीण क्षैत्रों से सब्जी मंडी में आलू,प्याज,लहसून की आवक शुरू हो जाती है । मंडी के कुछ नये आडतियों ने ऐसे हम्माल रखे है जो सब्जी मंडी के बाहर मुख्य मार्गो पर तैनात रहते है । लहसुन, प्याज, आलू, की कट्टीयों से भरे वाहन को आते देखकर उस पर दौड़कर चढ़ जाते है और अपने आडतियें के पास ले जाने का प्रयास करते है इससे उन्हें हम्माली के साथ-साथ शायद आडतियों से भी कुछ मिलता होगा । कई किसान ऐसे भी है जिन पर इनका असर नही पड़ता है । वे तो अपने वर्षो पुराने आडतियो के यही जाकर माल नीलामी के लिए उतारते है । दलाल रुपी ये हम्माल कई बार सब्जी मंडी में विवाद भी पैदा करवा देते है ।
प्याज का स्वभाव ही रूलाना है :- प्याज एक ऐसी बस्तु है जिसका स्वभाव ही रूलाना बन गया है । जब इसका उत्पादन कम हो तो यह किसान को रूलाता है, जब इसके भाव आसमान पर चढ़ जाये तो यह सरकार को रूला देती है और चढ़े भाव के कारण आम उपभोक्ता भी भाव सुन कर रो देता है । और तो और जब यह घरों में पहुंचता है तो और जब इसे काटा जाता है तो यह काटने वालो को भी रूला देता है इस प्रकार अब प्याज एक ऐसी वस्तु बन गई है जिसका स्वभाव किसी भी तरफ से देखो रूलाना ही रूलाना है ऐसे में केवल वे ही सुकुन में है जो इसका उपयोग और सेवन नही करते है।