Tuesday, March 18, 2008
मैं संघ कार्यालय से मोहन बोल रहा हूँ....
सीहोर 17 मार्च (फुरसत)। मैं संघ कार्यालय से मोहन बोल रहा हूँ....। कभी मोहन कभी सोहन और ऐसे ही न जाने कितने नामों से आजकल कुछ फोन किये जा रहे हैं। नगर के कुछ लोगों ने इस तरह के फर्जी नामों से फोन लगाने का क्रम बना रखा है। चाहे जहाँ, चाहे जिसे, सबकुछ जानते समझते हुए भी ऐसे लोग संघ के नाम से फर्जी फोन लगाने से बाज नहीं आते हैं। संघ के नाम से बात करते हैं और पूरी गंभीरता और कड़क आवाज में जाने क्या-क्या कहते हुए क्या कुछ करते हैं यह राम ही जाने। सीहोर संघ कार्यालय के फर्जी नाम से इस तरह के फोन करने वाले क्या कुछ स्वयं सेवक ही हैं यह बात तो स्पष्ट नहीं कही जा सकती लेकिन हाल ही में एक फोन जिस व्यक्ति का ट्रेप किया गया वह संघ का तथाकथित स्वयं सेवक ही निकला। अब इस स्वयं सेवक ने आज तक कितने लोगों को विशेषकर क्या आम जनता को अथवा अधिकारियों, कुछ विभागों या कुछ और जगहों पर संघ के फर्जी नाम से फोन करे हैं और किसलिये किये हैं? साथ ही क्या संघ कार्यालय से फोन करने वाले यह स्वयं सेवक खुद का नाम भी फर्जी बताते हैं ? और फिर अपने मतलब की बात शुरु कर देते हैं। संघ कार्यालय के नाम का इस तरह का एक फर्जी फोन आज भी एक कार्यालय में किया गया था, संघ के एक स्वयं सेवक ने ही फर्जी नाम से फोन कर उक्त कार्यालय में तरह-तरह की पूछताछ और बातचीत की और उसके बाद अपने मतलब की बात पर आ गया। सूत्रों का कहना है कि यह संघ का स्वयं सेवक कुछ पदों पर भी रह चुका है संभावित है कि अभी भी इसके पास कुछ दायित्व हों। स्वयं सेवक होकर ऐसे झूठे नाम से फोन करने वाले लोग राम जाने कैसे संघ में अपनी पैठ बनाने में सफल हो गये हैं लेकिन निश्चित ही मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता होने के बाद यदि किसी भी जगह पर भले ही फर्जी ही सही किसी का फोन चल जाता है कि हाँ मैं संघ कार्यालय से मोहन बोल रहा हूँ.......तो सामने वाले पूरी गंभीरता से उसे लेता है और अपनी तरफ से न चाहते हुए जो कुछ मदद या सहायता मांगी जाती है करता ही है।