Wednesday, November 19, 2008

भाजपा-कांग्रेस को जोर करवा रही है प्रसपा-बसपा, गुणवान को पुराने चेहरे का मिल रहा लाभ गोपाल के नये चेहरे से खुद कांग्रेसी हैरान

      आष्टा 18 नवम्बर (नि.प्र.)। धीरे-धीरे आष्टा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंग जमने लगा है अभी तक तो क्षेत्र में ऐसा कोई माहौल नजर नहीं आ रहा था लेकिन अब धीरे-धीरे भाजपा और कांग्रेस दोनो दलों के नेता और प्रत्याशियों ने ग्राम-ग्राम पहुँचकर धूम मचा दी है लेकिन इन दोनो दलों के नेताओं को मतदाताओं का मौन दिन रात सता रहा है वहीं दोनो दलों मे जो नेता नाराज हैं उनका मौन भी चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और चुनाव लड़ा रहे नेताओं को परेशान किये हुए हैं दोनो ही पार्टियों को इस बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जो कांग्रेस से बगावत करके आये हैं ने क्षेत्र में अपना हाथी घुमा दिया है हाथी पंजे को परेशान कर रहा है वहीं खबर है कि प्रसपा उम्मीद्वार से सम्पर्क में कई भाजपा के मौन बैठे नेता बने हुए हैं। इस बार उमा भारती का नगाड़ा भी मैदान में लेकिन उमा का नगाड़ा आष्टा में जोर की आवाज करेगा ऐसी उम्मीद नजर नहीं आ रही है। आष्टा विधानसभा क्षेत्र से इस बार क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की मंशा एवं जो सर्वे में वर्तमान विधायक के खिलाफ मतदाताओं की जो नाराजी सामने आई थी उसको पार्टी ने गंभीरता से लेकर उम्मीद्वार बदलकर पूर्व विधायक रंजीत सिंह गुणवान को मैदान में उतारा है। गुणवान के पक्ष में एक और जहाँ पूरा संगठन चुनाव में लगा है वहीं विधायक मालवीय मौन बैठे हैं, उनके कई समर्थक पार्टी के उक्त निर्णय से सहमत नहीं होने के कारण खबर है वे भी जो कार्य करना चाहिये वो नहीं कर पा रहे हैं। खबर है कि कुछ कमरा बैठक कर कमरों तक सीमित नजर आ रहे हैं। वहीं गुणवान के पक्ष में जिलाध्यक्ष ललित नागौरी, अनोखीलाल खण्डेलवाल, देवी सिंह परमार, भेरु सिंह पाटीदार, धरम सिंह आर्य, संतोष झंवर, राकेश सेंधव, जीवन मेवाड़ा, मोर सिंह मेवाड़ा, बाबुलाल पटेल, पप्पु भाई, कृपाल सिंह सहित सैकड़ो कार्यकर्ता जी प्राण से लगे हैं। गुणवान जो की आष्टा क्षेत्र के लिये यहाँ के मतदाताओं नागरिकों के लिये एक जाना-पहचाना चेहरा होने के कारण उन्हे अपनी पहचान बताने में परेशानी नहीं आ रही है।

      वहीं दूसरी और इस बार कांग्रेस ने अपने नये फार्मुले के अनुसार एक नये चेहरे के रुप में गोपाल सिंह इंजीनियर को मैदान में उतारा है जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार ने चुनाव की पूरी कमान संभाल रखी है तथा पूरी मेहनत से वे गोपाल सिंह को जिताकर वर्षों की हार का बदला लेना चाहते हैं और इस बार उनकी पूरी इच्छा है कि वे गोपाल सिंह को जिताकर भोपाल भेजे। गोपाल सिंह दिन रात आष्टा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम-ग्राम में तूफानी दौरा कर मतदाताओं से सम्पर्क कर रहे हैं यूँ तो गोपाल सिंह आष्टा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मुल्लानी के ही रहने वाले हैं लेकिन वे आष्टा क्षेत्र से पिछले 6 माह छोड़ दें तो कभी सक्रिय नजर नहीं आते थे इसलिये क्षेत्र के लोग उन्हे नया चेहरा मान रहे हैं जब गोपाल सिंह और कांग्रेस के नेता ग्रामों में पहुँचे तो यह बात उन्हे लगी तो उनके जो स्टीकर कांग्रेस ने प्रकाशित किये हैं उस पर पहचान और स्थानीय के लिये (मुल्लानी)नाम के आगे लिखवाना पड़ा। पढे लिखे शिक्षित युवा उम्मीद्वार गोपाल सिंह ग्राम-ग्राम में पहुँचकर मतदाताओं से वादा भी कर रहे हैं कि आप आशीर्वाद दें विकास मैं कराऊंगा। गोपाल सिंह के प्रचार में जिलाध्यक्ष कैलाश परमार, भैया मियां, प्रदीप प्रगति, रतन सिंह ठाकुर (जो अभी तक नाराज थे अब नहीं हैं), अजीज अंसारी, शिव नारायण पटेल जैसे धाकड़ नेता दिन रात प्रचार में जुटे हुए हैं। ग्रामों में उन्हे समर्थन भी मिल रहा है लेकिन कांग्रेस को अपनी ही पार्टी से बसपा में जाकर चुनाव लड़ रहे बापूलाल मालवीय से खतरा बना हुआ है। खबर है कि मालवीय को गोपाल सिंह से नाराज कांग्रेसी भी कहीं ना कहीं मदद कर रहे हैं। वहीं एक निर्दलीय रम्बा धनवाल जो की जांगड़ा समाज की हैं उसके खड़े होने से भी बहुत तो नहीं थोड़ा फर्क कांग्रेस को पड़ सकता है। कांग्रेस में मौन बैठे पूर्व विधायक अजीत सिंह एवं उनके समर्थकों का मौन भी कांग्रेस के लिये चिंता का कारण बना हुआ है। अब मतदान को लेकर केवल 10 दिन शेष बचे हैं जो नये-नये समीकरण बनने के दिन हैं देखना है ये शेष बचे दिन क्या नये-नये समीकरण बनाते-बिगाड़ते हैं। लेकिन अब भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दल के प्रत्याशी पूरी ताकत झोंक चुके हैं। मतदाता का मौन लगता है बटन दबाने के बाद ही खुलेगा।