Thursday, November 6, 2008

जिस परेशान बालिका की गुहार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नहीं सुनी उसकी मुम्बई में अभिनेता सलमान खान ने सुनी



गरीब की बेटी का इलाज कराने से पीछे हटे मुख्यमंत्री, सलमान ने दिये 7. 50 लाख

 

              आष्टा 5 नवम्बर (नि.सं.)। पूरे प्रदेश की बच्चियों का खुद को मामा कहने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने ही जिले की एक बच्ची के बार-बार निवेदन के बाद भी उसकी जरा-सी मदद करने को तैयार नहीं हुए। हर बेटी को लाड़ली लक्ष्मी बनाने की बात करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक गरीब परिवार की लाड़ली लक्ष्मी के असहनीय दुख और पीड़ा समझ नहीं पाये। प्रदेश के अति बुजुर्ग भाजपाई सांसद 

कैलाश जोशी भी इस होनहार बालिका की परेशानी को महसूस नहीं कर सके और एक झटके में इसे बाहर का रास्ता दिखा दिया....अंतत: इस जीवन से त्रस्त होकर मरने का विचार कर रही इस बालिका को किसी तरह उधार लेकर जब इसका भाई मुम्बई पहुँचा तो वहाँ इसका जीवन की बदल गया। सलमान के पिता सलीम खान तक किसी ने इन्हे भेजा, सलीम ने इनकी बात सुनते ही साढ़े सात लाख रुपये का चैक काट दिया। जो बात सलीम खान को एक झटके में समझ आ गई वह बात यहाँ कई बार समझाने के बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को जो गरीब की बेटी की बात करते नहीं अघाते, उन्हे आखिर क्यों समझ नहीं आ सकी ?

      आष्टा नगर के दशहरा मैदान क्षेत्र में रहने वाले एक गरीब परिवार के सदस्य अपनी पुत्री के इलाज के लिए आष्टा से लेकर भोपाल तक मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर संत्री तक गये लेकिन उस गरीब परिवार की किसी ने आर्थिक सहायता नहीं की सुनी सभी ने आश्वासन भी दिया लेकिन उक्त परिवार के सदस्य सहायता के लिए दर-दर भटकते है और कोरे आश्वासन के आलवा कुछ नहीं मिला। ऐसे में इस परिवार के लिए फिल्म अभिनेता सलमान खान पिता सलीम खान ने एक फरिश्ते की तरह सामने आये और उसने जब पूरी दास्ता सुनी तो बिना देर किये आष्टा की पीड़ित बालिका कुमारी सरिता पुत्री गणपतलाल विश्वकर्मा के लिए उसके इलाज के लिए 7.50 लाख रुपये की राशि देकर मुम्बई में उसका इलाज कराया।

      पीड़ित बालिका सरिता जिसको बचपन में चेचक (माता) निकली थी जिसके कारण उसके दोनों कानों में इनफेक्शन हो गया था और दोनों कानों की सुनने की शक्ति चली गई थी यह कानों से नहीं सुनने के साथ बोल भी नहीं पाती थी। इस सम्बंध में सरिता के भाई बालकृष्ण विश्वकर्मा ने फुरसता को बताया कि हमारा परिवार अत्यंत ही गरीब परिवार है शुरुआत में अपनी शक्ति के हिसाब से सरिता का इलाज कराते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ उल्टे सरिता की बीमारी बढ़ती गई। बिना सुने बोले भी सरिता ने एम.ए. (अर्थशास्त्र) से किया आष्टा कालेज में यह टापर भी रही कई बार उसे इंदौर, उज्‍जैन, भोपाल, सीहोर पाडर, आष्टा में विशेषज्ञ डाक्टरों को दिखाया कोई फायदा नहीं हुआ आखिरकार डाक्टरों ने सरिता को मुम्बई में दिखाने का बोला जिसका खर्च 7-8 लाख बताया इतनी राशि की व्यवस्था मुझ जैसे गरीब परिवार के बस की बात नहीं थी मैं बहन के इलाज के लिए आष्टा विधायक, भोपाल के सांसद कई संस्थाओं, कलेक्टर सीहोर के पास गया यहां कोरे आश्वासन मिले जब एक बार प्रदेश के मुख्यमंत्री कन्यादान योजना विवाह कार्यक्रम में आष्टा आये तब उनके साथ मुख्मंत्री जी की पत्नि भी थी उन्हें मिला पूरी पीडा सुनाई (चित्र मुख्यमंत्री से भेंट का) मुख्य मत्री जी ने सहायता एवं पूरे इलाज का आश्वासन दिया लेकिन सहायता कुछ नहीं मिली।

      सांसद कैलाश जोशी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता के पास भी यह गये और स्थानीय विधायक रघुनाथ मालवीय ने भी इन्हे आश्वासन तो खूब दिया लेकिन हुआ कुछ नहीं इधर बहन की बीमारी बढ़ती गई दिन भर वो रोती और यही कहती कि इससे तो मरना ही अच्छा है तब जैसे-तैसे कुछ राशि की व्यवस्था कर मैं उसे मुम्बई ले गया यहां भी 7-8 लाख का खर्चा बताया क्योंकि आपरेशन करके एक मशीन अंदर फिट होना थी तथा एक मशीन बाहर लगाना थी और 6 माह इलाज चलेगा। मुम्बई में भी ट्रस्ट, मंदिरों की समीतियों, सामाजिक संस्थाओं के पास गये लेकिन यहां भी कोई सहायता के लिए आगे नहीं आया ऐसे में जब हम थक गये और आष्टा आने की तैय्यारी में थे तब हमें एक अनजान व्यक्ति ने हमारी पीडा को सुना और फिल्म अभिनेता सलमान खान के पिता सलीम खान से मिलवाया श्री खान को पूरी कहानी बताकर सहायता नहीं मिलने के कारण बिना इलाज कराये वापस जा रहे है कहा तो उन्होंने अपने पारिवारिक डाक्टर के माध्यम से कान के डाक्टर से सम्पर्क किया और इलाज के लिए 7.50 लाख की राशि का चैक दिया बहन को मुम्बई के एक अस्पताल में भर्ती कर आपरेशन किया आपरेशन लगभग 10 घंटे चला और फरिश्ते के रूप में सामने आये खान परिवार की सहायता से आज मेरी बहन को काफी  फायदा हुआ है वो अब सुन सकती है थोडा बोल सकती है लेकिन अभी भी 6 माह का इलाज बाकी है जो मेरे बस की बात नहीं है उसे हर माह मुम्बई ले जाना पडेगा जहां उसकी ट्रेनिंग-इलाज होगा। भाई बालकृष्ण विश्वकर्मा ने बताया कि अभी भी इलाज के लिए 50 हजार की आवश्यकता है मेरी क्षमता नहीं है कि मैं उसका इलाज जो शेष बचा है करा सकूं।

      इसके लिए फुरसत को सहारा बनाकर दान दाताओं से अपील करता हूं कि मेरी बहन के शेष इलाज के लिए अधिक से अधिक दान सहायता राशि का सहयोग कर उसके शेष इलाज में आर्थिक सहयोग करें। सहायता के लिए मोबाइल नम्बर 98273-92512 एवं 9893219104 पर सम्पर्क कर सकते है। मेरा पता बी.के. आर्ट पुराना दशहरा मैदान आष्टा है सीहोर जिले के नागरिकों से विश्वकर्मा परिवार आष्टा ने अधिक से अधिक राशि के सहयोग की अपील की है।



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